झांसी: झांसी के रक्सा क्षेत्र के ग्राम सुजवाहा में एक अनोखा मामला सामने आया है। यहां के एक परिवार ने अपने पालतू कुत्ते बिट्टू की मौत पर तेरहवीं का आयोजन किया। इस आयोजन में गांव के एक हजार से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया।
बिट्टू की मौत से गहरा सदमा:
संजीव परिहार और उनकी पत्नी माला के जीवन में बिट्टू और पायल नाम के दो कुत्ते थे। इन दोनों पालतू जानवरों को उन्होंने अपने बच्चों की तरह पाला था। लेकिन कुछ समय पहले कुछ आवारा कुत्तों के हमले में बिट्टू बुरी तरह घायल हो गया और उसकी मौत हो गई। बिट्टू की मौत से पायल और संजीव दोनों ही गहरे सदमे में हैं।
तेरहवीं में एक हजार से अधिक लोगों ने लिया हिस्सा:
बिट्टू की मौत पर संजीव परिहार ने रविवार को तेरहवीं का आयोजन किया। इस आयोजन में गांव के एक हजार से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया और भोजन किया। संजीव परिहार का कहना है कि उन्होंने बिट्टू को अपने बच्चे की तरह पाला था और उसकी मौत से उन्हें बहुत दुख हुआ है।
क्यों है यह मामला खास:
आमतौर पर लोगों के मन में जानवरों के प्रति ऐसा गहरा लगाव नहीं होता है। लेकिन संजीव परिहार का मामला इस बात का प्रमाण है कि इंसान और जानवर के बीच भी गहरा रिश्ता हो सकता है। बिट्टू की मौत पर आयोजित तेरहवीं इस बात का प्रमाण है कि संजीव परिहार ने बिट्टू को कितना प्यार किया।
समाज में एक संदेश:
यह मामला समाज के लिए एक संदेश है कि हमें जानवरों के प्रति भी दयालु होना चाहिए। हमें उन्हें अपने परिवार का हिस्सा मानना चाहिए।
कुछ सवाल:
* क्या आपने कभी किसी जानवर से इतना लगाव महसूस किया है?
* क्या आपको लगता है कि जानवरों के लिए भी शोक मनाना उचित है?
* क्या इस तरह के आयोजन समाज में जागरूकता फैलाने में मदद कर सकते हैं?
कुत्ते की मौत पर तेरहवीं: झांसी में अनोखा मामला
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