नई दिल्ली
पंचायत राज होगा और मजबूत! कर्नाटक में 13-14 दिसंबर को अखिल भारतीय पंचायत परिषद का राष्ट्रीय अधिवेशन
अखिल भारतीय पंचायत परिषद का 18वां राष्ट्रीय अधिवेशन 13-14 दिसंबर को कर्नाटक में। CM सिद्धारमैय करेंगे उद्घाटन। 73वें और 74वें संशोधन के अनुरूप पंचायतों को सशक्त करने पर होगा मंथन।
नई दिल्ली। देश की पंचायती राज व्यवस्था को और अधिक मजबूत तथा सुदृढ़ बनाने के उद्देश्य से अखिल भारतीय पंचायत परिषद (AIPP) का दो दिवसीय 18वां राष्ट्रीय अधिवेशन 13 व 14 दिसंबर को कर्नाटक में आयोजित किया जाएगा। यह महत्वपूर्ण सम्मेलन कर्नाटक राज्य पंचायत परिषद के निमंत्रण पर महात्मा गाँधी ग्रामीण विकास पंचायत राज्य विश्वविद्यालय, बड़ा मल्यावर, कर्नाटक में आयोजित किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री करेंगे अधिवेशन का शुभारंभ
अखिल भारतीय पंचायत परिषद के राष्ट्रीय महासचिव महेंद्र नागर ने बताया कि सम्मेलन का शुभारम्भ कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैय द्वारा किया जाएगा, जबकि इसका समापन पंचायत राज्य मंत्री प्रियांक खड़गे करेंगे। अधिवेशन की अध्यक्षता राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोध कांत सहाय करेंगे। इस अवसर पर राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष अशोक चौहान, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डी पी रॉय, और महासचिव मुख्यालय अनिल शर्मा समेत अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी अपने विचार रखेंगे।
73वें-74वें संशोधन को लागू करने पर जोर
इस राष्ट्रीय सम्मेलन में देशभर से करीब 1000 प्रतिभागी भाग लेंगे। अधिवेशन में मुख्य रूप से ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज से जुड़ी लगातार उठ रही समस्याओं पर गहन मंथन किया जाएगा। प्रमुख एजेंडा में 73वें और 74वें संविधान संशोधन के अनुरूप ग्राम पंचायतों को और अधिक सशक्त करने संबंधी सुझाव राज्य सरकारों द्वारा दिलवाए जाने का मुद्दा शामिल है। इसके अलावा, स्वच्छता, आवास और संगठन को ग्रामीण स्तर तक मजबूत करने जैसे विषयों पर भी चर्चा होगी।
ग्राम प्रधान प्रतिनिधियों को मिलेगा सुझाव का अवसर
राष्ट्रीय महासचिव महेंद्र नागर ने कहा कि इस राष्ट्रीय अधिवेशन में ग्राम प्रधान प्रतिनिधियों को भी ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने पर अपने महत्वपूर्ण सुझाव रखने का अवसर प्रदान किया जाएगा। राष्ट्रीय अध्यक्ष सुबोध कांत सहाय ने सभी प्रांतों के अध्यक्षों, पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को निर्देश दिया है कि वे सम्मेलन में ग्राम पंचायत स्तर से भागीदारी सुनिश्चित करें ताकि जमीनी स्तर की समस्याओं का समाधान किया जा सके।
