हिन्दी बने विश्व की भाषा
बिगुल बजाना ही होगा,
हिन्दी को उसका समुचित
सम्मान दिलाना ही होगा।
हिन्दी को उसका खोया
सम्मान दिलाना ही होगा।
तुलसी,सूर,कबीरा वाली
मधुरिम बानी हिन्दी में,
प्रेमचन्द्र से कथाकार की
अमर कहानी हिन्दी में,
हिन्दी में है ज्ञान और
विज्ञान बताना ही होगा,
हिन्दी को उसका समुचित
सम्मान दिलाना ही होगा।
हिन्दी को उसका खोया
सम्मान दिलाना ही होगा।
‘हिन्दी लाओ’ नारा केवल
हमको नहीं लगाना है,
हर प्रकार से हिन्दी को
ताकतवर हमें बनाना है।
हिन्दी भाषा के हित में
अभियान चलाना ही होगा,
हिन्दी को उसका समुचित
सम्मान दिलाना ही होगा।
हिन्दी को उसका खोया
सम्मान दिलाना ही होगा।
आओ हम यह प्रण कर लें
सब काम करेंगे हिन्दी में,
छोड़ विदेशी भाषा को
बस नाम करेंगे हिन्दी में।
मूँग दल रही छाती पर जो
उसे भगाना ही होगा,
हिन्दी को उसका समुचित
सम्मान दिलाना ही होगा।
हिन्दी को उसका खोया
सम्मान दिलाना ही होगा।
रोजी-रोटी की खातिर
संघर्ष करेंगे हिन्दी में,
नव प्रयोग,नव छन्दों से
भाण्डार भरेंगे हिन्दी में।
आँख-मूँद सोया समाज
झकझोर जगाना ही होगा,
हिन्दी को उसका समुचित
सम्मान दिलाना ही होगा।
हिन्दी को उसका खोया
सम्मान दिलाना ही होगा।
देवश द्विवेदी ‘देवेश’