उत्तराखण्ड
उत्तराखंड में बाघों की सुरक्षा के लिए कड़े कदम, एसएसबी और आईटीबीपी की मदद ली जाएगी
देहरादून: उत्तराखंड में बाघों की सुरक्षा को लेकर प्रशासन अलर्ट मोड पर है। हाल ही में चंपावत में मिले बाघ के शव और वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो तथा एनटीसीए के अलर्ट के बाद राज्य सरकार ने बाघों की तस्करी रोकने के लिए कड़े कदम उठाने का निर्णय लिया है।
अपर प्रमुख वन संरक्षक के निर्देश:
अपर प्रमुख वन संरक्षक डॉ. विवेक पांडेय ने सभी निदेशकों और वन संरक्षकों को निर्देश दिए हैं कि वे राज्य में वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए अतिरिक्त सतर्कता बरतें। उन्होंने सभी विभागीय अधिकारियों को क्षेत्र में सूचना तंत्र को अलर्ट मोड पर रखने के निर्देश दिए हैं। वन विभाग के बैरियरों और चेक पोस्ट पर अलर्ट जारी कर हर वाहन की जांच की जाएगी। रेलवे स्टेशन, बस अड्डे, साप्ताहिक बाजार और अन्य संवेदनशील क्षेत्रों में विशेष निगरानी रखी जाएगी। आवश्यकता पड़ने पर डॉग स्क्वाड की भी मदद ली जाएगी।
अंतरराज्यीय सीमाओं पर निगरानी:
संवेदनशील क्षेत्रों, अंतरराज्यीय सीमाओं और अंतरराष्ट्रीय सीमाओं से लगे क्षेत्रों में भी पूर्ण निगरानी रखी जाएगी। छोटी और लंबी दूरी की गश्त के साथ ही वाहनों की गश्त भी की जाएगी। विभिन्न वन प्रभागों के बीच समन्वय स्थापित कर वन्यजीव अपराध पर नियंत्रण के लिए अंतर प्रभागीय गश्त की कार्रवाई तय की जाएगी।
अन्य सुरक्षा एजेंसियों से सहयोग:
यदि जरूरत पड़ी तो अन्य सुरक्षा एजेंसियों जैसे पुलिस, एसएसबी, आईटीबीपी और वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो से सहयोग लिया जाएगा। वन क्षेत्रों और आसपास के क्षेत्रों में संदिग्ध गतिविधियों वाले व्यक्तियों पर विशेष निगरानी रखी जाएगी।
वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो का अलर्ट:
वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो और एनटीसीए ने वन्यजीव अपराध में शामिल गिरोहों की संभावित सक्रियता के संबंध में अलर्ट जारी किया है। इसी के मद्देनजर ये सभी कदम उठाए जा रहे हैं।
उद्देश्य:
इस कदम का उद्देश्य उत्तराखंड में वन्यजीवों, खासकर बाघों की सुरक्षा को सुनिश्चित करना है। वन्यजीव तस्करी को रोकने के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
