उत्तराखण्ड परिवर्तन पार्टी के केन्द्रीय अध्यक्ष पीसी तिवारी के निर्देशन में जोशीमठ पहुंचा उपपा का दल
अल्मोड़ा। उत्तराखण्ड परिवर्तन पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष पी. सी. तिवारी के निर्देश पर 12 जनवरी को एक संयुक्त एक दल जोशीमठ आपदा का अध्ययन करने और जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति को समर्थन देने के लिए जोशीमठ गया था। दल के साथ उत्तराखण्ड परिवर्तन पार्टी के केन्द्रीय महा सचिव नरेश चन्द्र नौड़ियाल, केन्द्रीय सचिव विक्रम सिंह फर्सवाण, पौड़ी जनपद के संयोजक सत्यवान सिंह राणा और केन्द्रीय कार्यकारिणी सदस्य जसवन्त सिंह सम्मिलित थे, संयुक्त सदस्यीय दल मे सीपीआइ(एम) के एडवोकेट गंगा राम नौटियाल (पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष रूद्रप्रयाग) और उनके साथी, सीपीआई के कामरेड समर भंडारी अपने साथियों के साथ, भारत ज्ञान विज्ञान समिति के कमलेश खंतवाल, लोकगायक सतीश धौलाखंडी आदि सम्मिलित थे।
स्थानीय साथियों और सहयोगियों में एडवोकेट सुरभि शाह, यूनिवर्सिटी छात्र शंकर, श्री पुष्कर राणा, प्रधान ग्राम सभा रैणी के साथ मिल कर जानकारियां हासिल की गयी, आपदा प्रभावित घरों और प्रभावित व्यक्तियों तथा व्यावसाईयों से मुलाकात की।
धरनास्थल पर संघर्ष समिति के साथियों कामरेड अतुल सती, इंद्रेश मैखुरी, प्रसिद्य भूगर्भ वैज्ञानिक और पर्यावरणविद् डा0 रवि चोपड़ा की बातों को सुना व विचार-विमर्श किया।
नरेश चंद्र नौटियाल ने कहा की रास्ते मे तमाम जगहों पर विभिन्न पावर प्रोजेक्ट्स के नाम पर सुरंगें खोदी जा रही हैं। हैलंग के विवादित स्थल पर रूक कर भी देखा कि कार्पोरेट्स, सरकारें एवं सत्ताधारी दल और दलाल किस तरह जनता के साथ छल कर रहे हैं, तथ्यों के साथ तोड़-मरोड़ कर किस तरह सरकारी मशीनरी समाज और देश को गुमराह कर रही हैं। जोशीमठ मे स्थिति बहुत भयावह है। लोग भयभीत हैं और अपने अनिश्चित भविष्य को लेकर आशंकित भी है।जगह जगह घरों, मकानों, सड़कों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानाके पर दरारें पड़ी हुयी हैं, फर्श, दीवारें आंगन, खेत खलिहान सब फट रहे हैं, दरक रहे हैं, धंसते जा रहे हैं। जोशीमठ त्रासदी को आपदा कहना फिलहाल प्रकृति के साथ अन्याय होगा। सरकारें भली प्रकार जानती हैं कि हिमालयी क्षेत्र बेहद संवेदनशली है औ इसमे बड़ी छेड़छाड़ कभी भी गंभीर आपदा उत्पन्न कर सकती है। भूगर्भ वैज्ञानिक, पर्यावरणविद, स्थानीय जनता सरकार के ऐसी विनासकारी परियाजनाओं का विरोध करते रहते हैं किन्तु सरकारें मनमाने ढ़ंग से सबकी राय और विरोध को दरकिनार करते हुये राजनैतिक चंदे और कार्पारेट बांड की कीमात पर अपने मित्र कार्पोरेट्स के लाभ और अपने कमीशनखोरी के चलते दानवाकार परियोजनाओं को जनता पर थोप रही हैं। जिसके दुश्परिणाम समय समय पर जनता को झेलने पड़ रहे हैं, जान-माल का नुकसान उठाना पड़ रहा है, घर उजड़ रहे हैं, रोजगार नष्ट हो रहा है, भविष्य अनिश्चित और असुरक्षित हो रहा है, लोगों मे भय एवं निराशा पैदा हो रही है। और विस्थापन का दंश झेलना पड़ रहा है।ऐसी ही त्रासदी आज जोशीमठ मे देखने को मिल रही है। चाहे विकास का मुछ्दा हो अथवा पर्यावरण का, नागरिकों के जीवन को संकट मे डाल कर कोई भी विकास हमे स्वीकार नही। नागरिकों के जीवन, उनकी संपत्तियों, उनके अधिकारों की रक्षा हर हाल मे किये जाने की आवश्यकता हेै। पार्टी जोशीमठ के साथियों के साथ लगातार संपर्क बनाये हुये है।
उन्होंने तमाम नागरिक संगठनों और राजनीतिक दलों के साथ बैठक कर प्रभावितों के हित मे सम्मिलित आंदोलनात्मक रणनीति बनाए जाने पर भी विचार किया जा रहा है।
पार्टी ने साकार से पी सी तिवारी द्वारा जनहित याचिका पर हाइकोर्ट में पारित आदेश को भी शीघ्र अमल में लाने की मांग की है।