सावन और कांवड़ का विशेष संबंध, कांवड़ साधना से सभी मनोकामनाएं पूर्ण: आलोक गिरी
हरिद्वार। श्री तपोनिधि पंचायती अखाड़ा निरंजनी के स्वामी आलोक गिरी महाराज ने कहा कि श्रावण और कांवड़ का विशेष संबंध है। इस माह में कांवड़ साधना करने वाले भक्तों की सभी मनोकामनाएं भगवान शिव पूरी करते हैं। इसलिए श्रावण मास में कांवड़िया अपने इष्ट देव भगवान महादेव को प्रसन्न करने के लिए कावड़ यात्रा निकालते हैं।
गौरतलब है कि जगजीतपुर -जमालपुर रोड पर फुटबॉल ग्राउंड के समीप जगजीतपुर राज विहार में विराजमान श्री श्री बालाजी धाम, सिद्धबलि हनुमान, नर्मदेश्वर महादेव मंदिर के तत्वावधान में भगवान नर्मदेश्वर महादेव की द्वितीय कांवड़ यात्रा धूमधाम से निकली गई। बड़ी संख्या में शिवभक्तों ने स्वामी आलोक गिरी महाराज के सानिध्य में हरकी पैड़ी जाकर गंगाजल भरकर कांवड़ के साथ मंदिर तक पदयात्रा करते हुए पहूंचने और भगवान नर्मदेश्वर महादेव जलाभिषेक किया। कांवड़ यात्रा में भगवान शिव पार्वती की झांकी लोगों का मन मोह लिया। इस मौके पर आलोक गिरी महाराज ने कहा कि लगातार दूसरे वर्ष आयोजित कावड़ यात्रा में श्रद्धालुओं ने पूरी श्रद्धा और उल्लास के साथ भाग लिया। भारी भीड़ के बावजूद लोगों का उत्साह कम नहीं हुआ। रोहित, राहुल, गोपाल, अमित हरकी से पैदल ही कांवड़ लेकर पहुंचे और उन्होंने सबसे पहले अभिषेक किया। आलोक गिरी महाराज ने कहा कि भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए कांवड़िया कठिन तपस्या कर भगवान शिव को प्रसन्न करते हैं और कांवड़ साधना से प्रसन्न होकर भगवान शिव कांवड़ियों को मनोकामना पूर्ति का आशीर्वाद प्रदान करते हैं। इसलिए सावन और कावड़ का विशेष संबंध है। उन्होंने कहा स्थानीय लोगों की सहयोग से उन्होंने कांवड़ यात्रा की शुरुआत की थी। कावड़ यात्रा में बाबा मनकामेश्वर गिरी , प्रदीप गुर्जर, ओमप्रकाश मलिक, विकास मास्टर, प्रद्युम्न सिंह, अंकुर बिष्ट, इंद्रजीत, शशि भारद्वाज, जगमोहन निहाल, अरूण पाल सुशील धीमान, कार्तिक कुमार व राज विहार महिला मित्र मंडल के सदस्य सहित अन्य लोग मौजूद रहे।