जनपद हरिद्वार में युवाओं ने लिया नशा मुक्त हरिद्वार का संकल्प
हरिद्वार। प्रदेश में नशा उन्मूलन पर कार्य कर रही मानवाधिकार संरक्षण एवं भ्रष्टाचार निवारक समिति ने 2023 के अपने प्रथम चरण का समापन आज हरिद्वार के युवाओं के बीच किया। सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज मायापुर हरिद्वार में समिति के चेयरमैन एडवोकेट ललित मोहन जोशी ने स्कूली छात्र-छात्राओं से सीधा संवाद किया, संवाद के दौरान उन्होंने युवाओं को नशे से दूर रहने की सलाह दी, उन्होंने कहा कि पूरा विश्व आज भारत को युवाओं के देश के रूप में देखता है लेकिन यहाँ के कुछ युवा इम्प्रेशन जमाने, दोस्तों के साथ पार्टी मनाने या किसी अवसाद के चलते भी नशे की गिरफ्त में आ रहे हैं। जिससे वह अपना शारीरिक व मानसिक नुकसान तो कर ही रहे हैं, बल्कि अपने माता-पिता व देश का नाम भी खराब कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज युवाओं को कुछ ज़रूरी बातों को आत्मसात करने की जरूरत है, नशा मादक पदार्थों का नहीं बल्कि अच्छी शिक्षा, संगीत, राष्ट्रप्रेम का करें। जीवन में कभी भी कोई परेशानी आए तो उसे अपने माता-पिता व गुरूजनों से साझा करें, आपके माता-पिता व गुरूजन हमेशा आपको सही राह पर चलने की शिक्षा देंगे। संवाद कार्यक्रम से छात्र-छात्राएं बेहद प्रभावित हुए, छात्र-छात्राओं ने अपने विचार साझा करते हुए कहा कि इस कार्यक्रम से हमें बहुत कुछ सीखने को मिला है, इससे हमारे राष्ट्रप्रेम की भावना और प्रगाढ़ हुई है, हम जीवन में कोई भी ऐसा कार्य नहीं करेंगे जिससे हमारे माता-पिता व गुरूजनों का नाम खराब हो। इस दौरान सभी छात्र-छात्राओं को नशे से दूर रहने की शपथ दिलाई गई। कार्यक्रम में सरस्वती विद्या मन्दिर इण्टर कॉलेज मायापुर हरिद्वार के प्रधानाचार्य, अजय सिंह, सस्थान के अध्यापक एवं मानवाधिकार संरक्षण समिति की टीम से मोहित बिष्ट, योगेश चिराल, हिमांशु कांडपाल, दीवान सिंह स्कूल के शिक्षक एवं कर्मचारीगण सहित 1600 से अधिक छात्र-छात्राएँ शामिल रहे। बता दें कि मानवाधिकार संरक्षण एवं भ्रष्टाचार निवारक समिति ने नशे के खिलाफ जन-जागरूकता अभियान- 2023 के प्रथम चरण की शुरूआत ऋषिकेश से की और प्रदेशभर के सभी जनपदों 50 से अधिक स्कूलों में छात्र-छात्राओं से सीधा संवाद करते हुए उन्हें नशे के दुष्प्रभावों से अवगत कराया। और नशे से दूर रहने की शपथ दिलाई। मानवाधिकार संरक्षण एवं भ्रष्टाचार निवारक समिति के अध्यक्ष एडवोकेट ललित मोहन जोशी ने अपने अभियान के इस चरण के समापन पर कहा कि बीते 15 वर्षों से चल रहे उनके इस अभियान का एक ही मकसद है कि इस प्रदेश का युवा नशे रूपी राक्षस से दूर रहे, यदि हमारा युवा ठीक रहेगा तो आने वाली पीढ़ी अपने आप ठीक हो जाएगी। उन्होंने कहा कि इस एक महीने की यात्रा में उन्होंने देखा कि नशा सिर्फ शहरों में ही नहीं बल्कि दूरस्थ पहाड़ी क्षेत्रों में भी पैर पसार चुका है, और यह सबसे अधिक हमारे युवाओं को बर्बाद कर रहा है। हमने अपने युवाओं को बचाने के लिए ही यह अभियान चलाया है, मैं तो अकेला ही देहरादून से इस मुहिम को लेकर चला था, लेकिन आज जब वापस लौटा हूं तो टिहरी गढ़वाल, पौड़ी गढ़वाल, चमोली गढ़वाल, कुमाऊँ में बागेश्वर कपकोट, पिथौरागढ़, मुनस्यारी से लेकर ऊधमसिंह नगर -हरिद्वार तक के हजारों युवाओं का साथ भी इस मुहिम को मिला है। जिससे मेरा यह विश्वास और अधिक बढ़ गया है कि हम एक दिन अपने इस अभियान में जरूर सफल होंगे।