सोमवती अमावस्या: महादान कर पितरों को करें खुश, होगी सुख शांति और संपन्नता
हरिद्वार। आज सोमवती अमावस्या है। नाराज पितरों को खुश करने का दिन है। गंगा स्नान के बाद महादान से आप पितरों को प्रसन्न कर सकते हैं। पितरों के आशीर्वाद से परिवार में खुशहाली और संपन्नता आएगी। इनका करें दान
– चांदी की वस्तुएं
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, पितर लोक का स्थान चंद्रमा के ऊपरी हिस्से में होता है, इस वजह से आप पितरों को चांदी से बनी वस्तुओं का दान कर सकते हैं। इससे वे प्रसन्न होते हैं। सुख और समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं।
– दूध और चावल का दान
पितरों को प्रसन्न करने के लिए आप चंद्रमा से जुड़ी वस्तुओं जैसे दूध और चावल का भी दान कर सकते हैं। इस दान से नाराज पितर भी खुश होते हैं। उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है। वंश की वृद्धि होती है।
– काले तिल का दान
आमवस्या के दिन स्नान के बाद आप अपने पितरों को ध्यान करके काले तिल का दान कर दे। अन्य वस्तुएं जो भी दान करें, उस दौरान हाथ में तिल लेकर दान करें। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, वे वस्तुएं पितरों को प्राप्त होती हैं। वे अपने वंश से प्रसन्न रहते हैं।
सोमवती अमावस्या 2023 की सही तिथि
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, इस साल फाल्गुन अमावस्या को ही सोमवती अमावस्या है। ऐसे में फाल्गुन अमावस्या की तिथि का प्रारंभ 19 फरवरी रविवार को 04:18 बजे पर होगा और इस तिथि का समापन 20 फरवरी सोमवार को दोपहर 12:35 बजे होगा।
पिंडदान जिन लोगों ने अपने पितरों का पिंडदान नहीं किया है, वे लोग सोमवती अमावस्या के दिन पितरों के लिए पिंडदान करके पितृ दोष से मुक्ति पा सकते हैं। हिंदू धर्म में पिंडदान का बड़ा महत्व है।