Connect with us

हरिद्वार

बसंत ऋतु में बढ़े हुए कफ का पूर्ण समाधान सिर्फ आयुर्वेद : डॉ राहुल आर्य वैद्य

Published

on

हरिद्वार। आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ राहुल आर्य ने बताया कि बसंत ऋतु में अक्सर कफ दोष बढ़ जाते है जिसमे संचित हुआ कफ पिघलने लगता है इसलिए इस मौसम में ज्यादा लोग कफ से संबंधित विकारों से पीड़ित होते है जैसे खांसी आना , मधुमेह का बढ़ जाना , त्वचा विकारों में सोरायसिस , एक्जिमा, दाद जैसे रोगों का बढ़ना , पुराने रोगों का फिर से उभर आना ऐसे लक्षण दिखाई पड़ते है जो सब कफ दोष के खंडन के कारण होता है , ऐसे में कफ को संयमित करने और बढे हुए दोषों को बाहर निकालने के लिए इस ऋतु में आयुर्वेद पंचकर्म चिकित्सा में वमन कर्म बहुत ही लाभदायक और रामबाण साबित होता है।

यह भी पढ़ें 👉  परिजनों से बिछड़ गई 4 साल की बच्ची, पुलिस ने मिलाया

इस प्रक्रिया में कुछ आयुर्वेदिक औषधि रोगी को पिला कर रोगी को वमन अर्थात उल्टी कराई जाती है जिसके जरिए दोष बाहर निकल आते है और पूरी बॉडी का डिटॉक्स हो जाता है और रोगी के दोष कम होकर पुनः वह हेल्थी महसूस करता है और रोगों के बढ़ने की संभावना कम हो जाती है । डॉ राहुल आर्य बताते है कि वमन कर्म करने के पश्चात रोगी हल्का महसूस करता है उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है , पाचन शक्ति बढ़ जाती है और सभी खाया पिया पूरी तरह से पचने लगता है । डॉ राहुल आर्य ने बताया कि बसंत ऋतु में बढ़े हुए कफ दोष को कम करने के लिए आयुर्वेद पंचकर्म चिकित्सा बहुत ही लाभकारी है । पंचकर्म चिकित्सा अनुभवी आयुर्वेद चिकित्सक की देखरेख में ही लेनी चाहिए ।

GET IN TOUCH

संपादक: गुलाब सिंह
पता: हल्द्वानी, उत्तराखण्ड
दूरभाष: +91 9412960065
ई-मेल: [email protected]

Select Language

Advertisement

© 2023, CWN (City Web News)
Get latest Uttarakhand News updates
Website Developed & Maintained by Naresh Singh Rana
(⌐■_■) Call/WhatsApp 7456891860