उत्तर प्रदेश

सिक्योरिटी एजेंसी के प्रबंधक को हनी ट्रैप में फंसाकर अश्लील फोटो और वीडियो बनाई, नकली सीबीआई बनकर दस लाख रुपये मांगे

मेरठ। बदमाशों के गिरोह ने मेरठ की एक सिक्योरिटी एजेंसी के प्रबंधक को हनी ट्रैप में फंसाकर उनकी अश्लील फोटो खींच ली और वीडियो बना लिया। आरोपियों ने सीबीआई और एसओजी टीम बनकर दस लाख रुपये मांगे। दबाव बनाने के लिए बदमाश सिक्योरिटी प्रबंधक को कार में बंधक बनाकर घूमते रहे। इस दौरान आरोपियों ने उनकी पिटाई कर 48 हजार रुपये और अंगूठी भी लूट ली। बदमाशों के चंगुल से छूटने के बाद संचालक ने पुलिस को मामले की जानकारी दी। पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर महिला सहित तीन बदमाशों को गिरफ्तार कर शुक्रवार को घटना खुलासा कर दिया।
मेरठ के बागपत रोड निवासी एक व्यक्ति सेना से सेवानिवृत्त हैं। व्यक्ति ने बताया कि वह निजी सिक्योरिटी एजेंसी में प्रबंधक हैं। 26 सितंबर को उनके कार्यालय पर मोदीनगर निवासी आरती नौकरी के लिए आई। प्रबंधक ने ड्यूटी से पहले आधार कार्ड मांगा तो आरती ने घर भूलने की बात कही और आधार कार्ड देने के बहाने प्रबंधक को अपने घर बुला लिया। प्रबंधक एक अक्टूबर की सुबह करीब नौ बजे आरती के निवाड़ी रोड की डिफेंस कॉलोनी स्थित किराये के मकान में पहुंचे। प्रबंधक का आरोप है कि जैसे ही वह कमरे में दाखिल हुए, तभी आरती ने बदन से चादर उतार दी और नग्न हो गई।
इसके बाद आरती के चार साथियों ने उनकी अश्लील फोटो व वीडियो बना ली। बदमाश खुद को सीबीआई, पत्रकार व एसओजी टीम बताकर प्रबंधक को प्रताड़ित करने लगे। बदमाशों ने प्रबंधक को बुरी तरफ पीटा और दुष्कर्म के केस में जेल भेजने व वीडियो वायरल करने की धमकी दी। इसके बाद बदमाशों ने उनसे मामला खत्म करने के लिए दस लाख रुपये मांगे।
प्रबंधक का आरोप है कि दस लाख रुपये वसूलने के लिए आरोपियों ने उनकी पिटाई की और उन्हें कार में जबरन बंधक बना लिया। एक बदमाश और महिला आगे बैठ गई और दो बदमाशों ने उन्हें पीछे वाली सीट पर बंधक बना लिया। इसके अलावा एक बदमाश प्रबंधक की बाइक लेकर साथ चला। बदमाश प्रबंधक को लोनी की तरफ ले गए। बदमाशों ने प्रबंधक के पेटीएम से ही कार में पेट्रोल डलवाया। इसके बाद प्रबंधक को लोनी के एक प्रॉपर्टी डीलर के आफिस पर ले गए। वहां प्रॉपर्टी डीलर ने रकम नहीं देने पर एनकाउंटर करने की धमकी दी। 
आरोप है कि बदमाश शाम करीब सात बजे तक उन्हें इधर उधर लेकर घूमते रहे। प्रबंधक ने बदमाशों से छोड़ने पर रकम की व्यवस्था होने का वादा किया। इसके बाद बदमाशों ने उन्हें लोनी के जंगल में छोड़ दिया। घटना के बाद प्रबंधक पहले मेरठ के टीपीनगर थाने पहुंचे, जहां से उन्हें मोदीनगर भेज दिया गया। 
ऐसे हुआ खुलासा
एसीपी मोदीनगर ज्ञानप्रकाश राय ने बताया कि प्रबंधक ने बृहस्पतिवार को घटना की तहरीर दी। इसके बाद रिपोर्ट दर्ज कर पुलिस टीम खुलासे में लग गई। पुलिस टीम डिफेंस कॉलोनी स्थित रूमा त्यागी के मकान पर पहुंची तो आरती वहां से फरार मिली और कार का नंबर भी फर्जी निकला। पुलिस ने घेराबंदी शुरू कर दी और आरती को पकड़ लिया। पुलिस को पूछताछ में आरती ने बताया कि वह मूलरूप से भोजपुर के गांव कलछीना की रहने वाली है।
तीन साल पूर्व एक हादसे में उसके पति प्रमोद की मौत हो गई थी। उसकी मुलाकात जनपद मेरठ के जानी स्थित गांव धौलड़ी निवासी मेहराज से हुई। मेहराज ने उसकी मुलाकात वसी और यूसुफ से कराई। इसके बाद उन्होंने गिरोह बनाकर सिक्योरिटी एजेंसी प्रबंधक से लूट का षडयंत्र रचा। आरती को रकम में से चार लाख देने की बात तय हुई थी। आरती षड़यंत्र के तहत नौकरी मांगने प्रबंधक के पास गई और उसे आधार कार्ड देने के बहाने अपने घर बुलाकर घटना को अंजाम दिया। आरती उसका असली नाम है भी या नहीं, इसकी जांच की जा रही है।
एसीपी ने बताया कि आरती, मेहराज चौधरी और वसी मोहम्मद निवाड़ी धौलड़ी मेरठ को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से लूटे गए छह हजार रुपये बरामद किए हैं। यूसुफ और एक अज्ञात की तलाश जारी है। आरती पहले भी एक व्यक्ति को हनी ट्रैप में फंसाकर 40 हजार रुपये ऐंठ चुकी है। पुलिस आरोपियों की कुंडली खंगाल रही है।

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