वन अनुसंधान संस्थान में अखिल भारतीय पुलिस विज्ञान कांग्रेस में बोले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह
देहरादून। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जीरो टालरेंस की रणनीति और कार्रवाई को अपनाकर आतंकवाद को जड़ से समाप्त करने का समय आ चुका है। वन अनुसंधान संस्थान में अखिल भारतीय पुलिस विज्ञान कांग्रेस में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि आतंकवाद से मुकाबले के लिए जीरो टालरेंस की नीति से आगे बढ़ना होगा।
साथ ही रणनीति और कार्रवाई में भी जीरो टालरेंस अपनाते हुए आतंकवाद पर प्रहार आवश्यक है, ताकि इसे पूरी तरह समाप्त किया जा सके। उन्होंने कहा कि विभिन्न एजेंसियों के बीच राज्यों के पुलिस बलों को समन्वय बढ़ाने की आवश्यकता है। राष्ट्रीय रक्षा शक्ति यूनिवर्सिटी और फारेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी के साथ देशभर की पुलिस को जुड़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि खबरी प्रणाली को फिर से पुनर्जीवित करना होगा। इंटेलिजेंस का विश्लेषण मानव मस्तिष्क से अच्छा और कोई नहीं कर सकता।
गृह मंत्री ने कहा कि तीन नए क्रिमिनल कानून में आतंकवाद और संगठित अपराध की व्याख्या कर मोदी सरकार ने देश को इनसे सुरक्षित करने का काम किया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देशवासियों के सामने लक्ष्य रखा है कि जब देश की आजादी की शताब्दी मनाई जाएगी, तब ऐसे भारत का निर्माण करना है जो हर क्षेत्र में प्रथम हो। इसके लिए आवश्यक है कि देश की कानून व्यवस्था, आंतरिक सुरक्षा और सीमाओं की सुरक्षा चाक-चौबंद हो। कोई भी देश तब तक अपनी आंतरिक सुरक्षा और सीमाओं की सुरक्षा चाक-चौबंद नहीं करता, तब तक विकास नहीं हो सकता।
मोदी के नेतृत्व में देश हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है और आने वाले दिनों में मजबूत आर्थिक शक्ति के रूप में उभरेगा। ऐसे में हमारे आर्थिक संस्थानों की सुरक्षा की जिम्मेदारी भी देशभर की पुलिस और एजेंसियों को और मजबूती से निभानी होगी। जम्मू और कश्मीर में धारा 370 खत्म होने का जिक्र करते हुए कहा कि वहां की स्थिति को देखकर देश की हर नागरिक चैन की सांस ले रहा है। ये अब हमेशा के लिए भारत का हिस्सा बन चुका है। इसे अब कोई हमसे छीन नहीं सकता। उन्होंने कहा कि वामपंथी उग्रवाद वाले क्षेत्रों में हिंसा में आई कमी का कारण अब विकास हर गांव और व्यक्ति तक पहुंच रहा है। हर जगह स्वास्थ्य, शिक्षा और इन्फ्रास्ट्रक्चर के नए युग का आगाज हुआ है। शाह ने कहा कि जब हर क्षेत्र में विकास होता है तब कई चुनौतियां भी हमारे सामने खड़ी होती हैं।
उन चुनौतियां का मुकाबला करने के लिए हमारी पुलिस को अपने को तैयार करना होगा। देश के युवा पुलिस अधिकारी देश के क्रिटिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर की सुरक्षा, राज्यों में साइबर सुरक्षा का आडिट, इंटरनेट मीडिया और वीजा की लगातार मानीटरिंग जैसे नए विषयों पर काम करें। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला, पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो के महानिदेशक बालाजी श्रीवास्तव समेत कई अधिकारी उपस्थित रहे।
पहले दिन चार विषयों पर हुआ मंथन अखिल भारतीय पुलिस विज्ञान कांग्रेस में छह विषय 5जी युग में पुलिसिंग, नारकोटिक्स-एक गेम चेंजिंग दृष्टिकोण, इंटरनेट मीडिया की चुनौतियां, सामुदायिक पुलिसिंग, आंतरिक सुरक्षा की चुनौतियां और पुलिस और सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्स (सीएपीएफ) के बीच समन्वय-सीमाओं की सुरक्षा, सम्मिलित किए गए हैं। शनिवार को पहले दिन 5जी युग में पुलिसिंग, नारकोटिक्स-एक गेम चेंजिंग दृष्टिकोण, पुलिस व सीएपीएफ के बीच समन्वय और आंतरिक सुरक्षा की चुनौतियां विषय पर विशेषज्ञों ने विचार रखे।