देहरादून: उत्तराखंड सरकार ने राज्य आंदोलनकारियों के आश्रितों को सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण देने के लिए आवश्यक कदम उठाए हैं। गृह विभाग ने सभी जिलों के जिलाधिकारियों को आदेश जारी कर दिया है कि वे राज्य आंदोलनकारी आश्रित प्रमाणपत्र जारी करने की प्रक्रिया शुरू करें। यह कदम अमर उजाला में प्रकाशित एक समाचार के बाद उठाया गया है, जिसमें आश्रितों को आरक्षण का लाभ मिलने में हो रही देरी को उजागर किया गया था।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य सरकार राज्य आंदोलनकारियों से किए गए वादों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि राज्य आंदोलनकारियों के सपनों के अनुरूप उत्तराखंड बनाने के लिए सरकार लगातार काम कर रही है।
कौन ले सकते हैं लाभ?
* वे आंदोलनकारी जो पहले से ही राज्य आंदोलनकारी कोटे से सरकारी सेवा में हैं, उनके आश्रित इस योजना का लाभ नहीं ले सकेंगे।
* जो आंदोलनकारी पहले से ही सरकारी सेवा में क्षैतिज आरक्षण का लाभ ले चुके हैं, वे दोबारा इसका लाभ नहीं ले सकेंगे।
आवेदन के लिए क्या करना होगा?
आवेदक को एक शपथ पत्र देना होगा जिसमें यह घोषित किया जाएगा कि उन्होंने पहले कभी भी सरकारी सेवा में क्षैतिज आरक्षण का लाभ नहीं लिया है।
यह फैसला क्यों महत्वपूर्ण है?
यह फैसला राज्य आंदोलनकारियों और उनके परिवारों के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। इससे उन्हें सरकारी नौकरियों में समान अवसर मिलेंगे और उनके आर्थिक और सामाजिक विकास में मदद मिलेगी।
उत्तराखंड: राज्य आंदोलनकारियों के आश्रितों को मिलेगा आरक्षण का लाभ, शासन ने जारी किया आदेश
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