आयुर्वेद में भी शंख बजाने से है बीमारियों का उपचार, इसलिए खरीदें ऐसा शंख
हरिद्वार। सनातन परंपरा में शंख को माता लक्ष्मी का भाई माना गया है। ऐसी मान्यता है कि किसी भी शुभ या मांगलिक कार्य में बजाए जाने वाले शंख की ध्वनि जहां तक जाती है, वहां तक की सभी बाधाएं और दोष दूर हो जाते हैं। पूजा-पाठ के अलावा शंख उपयोग आयुर्वेद में भी होता है। शंख के जरिए कई प्रकार के रोगों का उपचार किया जाता है। इसलिए शंख के असली और नकली की पहचान होना जरूरी है। धार्मिक स्थलों के आसपास की दुकानों में शंख खूब बिकते हैं। हरिद्वार में अपर रोड़ पर हर दुकान पर शंख बिकता है। इनकी कीमत क्वालिटी और आकार पर निर्भर होती है। इसलिए शंख के फायदे और असली-नकली के बारे में पढ़े और देखें।
पूजा-पाठ में शंख बजाने का चलन युगों-युगों से चला आ रहा है। देश के कई भागों में लोग शंख को पूजाघर में रखते हैं और इसे नियमित रूप से बजाते हैं। दरअसल, सनातन धर्म की कई ऐसी बातें हैं, जो न केवल आध्यात्मिक रूप से, बल्कि कई दूसरे तरह से भी फायदेमंद हैं। शंख रखने, बजाने व इसके जल का उचित इस्तेमाल करने से कई तरह के लाभ होते हैं। कई फायदे तो सीधे तौर पर सेहत से जुड़े हैं। शंख बजाने और इसके इस्तेमाल से क्या-क्या फायदे होते हैं।
- 1. ऐसी मान्यता है कि जिस घर में शंख होता है, वहां लक्ष्मी का वास होता है। धार्मिक ग्रंथों में शंख को लक्ष्मी का भाई बताया गया है, क्योंकि लक्ष् तरह शंख भी सागर से ही उत्पन्न हुआ है। शंख की गिनती समुद्र मंथन से निकले चौदह रत्नों में होती है।
- 2. शंख को इसलिए भी शुभ माना गया है, क्योंकि माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु, दोनों ही अपने हाथों में इसे धारण करते हैं।
- 3. पूजा-पाठ में शंख बजाने से वातावरण पवित्र होता है। जहां तक इसकी आवाज जाती है, इसे सुनकर लोगों के मन में सकारात्मक विचार पैदा होते हैं। अच्छे विचारों का फल भी स्वाभाविक रूप से बेहतर ही होता है।
- 4. शंख के जल से शिव, लक्ष्मी आदि का अभिषेक करने से ईश्वर प्रसन्न होते हैं और उनकी कृपा प्राप्त होती है।
- 5. ब्रह्मवैवर्त पुराण में कहा गया है कि शंख में जल रखने और इसे छिड़कने से वातावरण शुद्ध होता है।
- 6. शंख की आवाज लोगों को पूजा-अर्चना के लिए प्रेरित करती है। ऐसी मान्यता है कि शंख की पूजा से कामनाएं पूरी होती हैं। इससे दुष्ट आत्माएं पास नहीं फटकती हैं।
- 7. वैज्ञानिकों का मानना है कि शंख की आवाज से वातावरण में मौजूद कई तरह के जीवाणुओं- कीटाणुओं का नाश हो जाता है। कई टेस्ट से इस तरह के नतीजे मिले हैं।
- 8. आयुर्वेद के मुताबिक, शंखोदक के भस्म के उपयोग से पेट की बीमारियां, पथरी, पीलिया आदि कई तरह की बीमारियां दूर होती हैं। हालांकि इसका उपयोग एक्सपर्ट वैद्य की सलाह से ही किया जाना चाहिए।
- 9. शंख बजाने से फेफड़े का व्यायाम होता है पुराणों के जिक्र मिलता है कि अगर श्वास का रोगी नियमित तौर पर शंख बजाए, तो वह बीमारी से मुक्त हो सकता है।