अपने महापुरषों की वाणी को नहीं भूलना चाहिए:- जगजीत सिंह
हरिद्वार। कनखल स्थित निर्मल संतपुरा आश्रम में हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी निर्मल संतपुरा ट्रस्ट सोसाइटी द्वारा महापुरुष संतों की याद में कीर्तन दरबार का आयोजन किया गया। तीन दिवसीय कार्यक्रम में रागी जत्थों, संतों ने महापुरुषों और गुरुओं का गुणगान किया। अध्यक्ष संत जगजीत सिंह शास्त्री ने बताया कि 19 मार्च को श्री अखंड पाठ साहिब की 101 लड़ी का शुभारंभ किया गया। 20 मार्च को रागी बाबा गुरविंदर सिंह, भाई सुरेन्द्र सिंह अमृतसर वाले, भाई सिमरनजीत सिंह दरबार साहिब, हरजिंदर सिंह खालसा जालंधर वाले ने शबद कीर्तन से श्रद्धालुओं को निहाल किया। 21 मार्च को श्री अखंड पाठ का भोग और आरती के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया। उन्होंने बताया कि महापुरुषों की याद मे कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। जिसमे संत महापुरुषों को याद कर उनके जीवन पर प्रकाश डाला गया। अपने महापुरुषों की वाणी को नहीं भूलना चाहिए। उनके बताए मार्ग पर चलकर अपना जीवन सफल बनाए। आपका गुरु ही आपको सही राह दिखाता है। गुरु शिष्य का संबंध बहुत ही स्नेह भरा होता है। हर गुरु अपने शिष्य को अपने से आगे निकलता देखना पसंद करता है। संत रविदेव शास्त्री ने कहा कि निर्मल संतपुरा आश्रम द्वारा प्रत्येक वर्ष महापुरुषों की याद में कार्यक्रम आयोजित करना बहुत ही सराहनीय कार्य है। जो अपने महापुरुषों को भूल जाता है वह कभी सुखी नहीं रह सकता। महापुरुष या गुरु के वचनों को अपनी प्रेरणा बनाए और आगे बढ़ें। इस अवसर पर महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद गिरी, स्वामी विवेकानंद, स्वामी गंगादास, मनजोत सिंह, संत मंजीत सिंह, संत त्रिलोचन सिंह, संत बलजिंदर सिंह, सतपाल सिंह, हरविंदर सिंह, इंद्रमोहन सिंह, अवतार सिंह आदि उपस्थित थे।