देहरादून
उत्तराखंड रजत जयंती सत्र शुरू: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का विधानसभा में ऐतिहासिक संबोधन
उत्तराखंड राज्य स्थापना के 25 वर्ष पूरे होने पर विधानसभा का विशेष सत्र सोमवार से शुरू। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सदन को संबोधित किया। सत्र में अगले 25 वर्षों के विकास रोडमैप पर होगी चर्चा।
देहरादून। उत्तराखंड राज्य स्थापना के 25 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में, विधानसभा का दो दिवसीय विशेष सत्र सोमवार से शुरू हो गया है। इस ऐतिहासिक सत्र की शुरुआत राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण से हुई। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू रविवार दोपहर को ही देहरादून पहुंच गई थीं। विधानसभा सचिवालय ने इस विशेष आयोजन के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली थीं, जिसमें विधानसभा परिसर और आसपास के क्षेत्रों में सुरक्षा के कड़े इंतजाम शामिल थे। यह सत्र उत्तराखंड के लिए एक बड़ा गौरवशाली क्षण है।
सोमवार सुबह 11 बजे शुरू हुए इस विशेष सत्र में, राष्ट्रपति मुर्मू ने सदन में लगभग एक घंटे तक अपना संबोधन दिया। राष्ट्रपति के अभिभाषण में राज्य के गठन से लेकर अब तक की यात्रा, उपलब्धियों और भविष्य की संभावनाओं पर ज़ोर दिया गया। इस दौरान उन्होंने उत्तराखंड के आध्यात्मिक महत्व, प्राकृतिक सुंदरता और सैन्य शक्ति के योगदान की सराहना की। इस ऐतिहासिक क्षण का गवाह बनने के लिए सदन में राज्य के सभी प्रमुख नेता और गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे। सुरक्षा कारणों से विधानसभा परिसर में बिना पास के किसी भी व्यक्ति के प्रवेश की अनुमति नहीं थी।
इस विशेष सत्र का मुख्य एजेंडा राज्य के अगले 25 वर्षों के विकास का रोडमैप तैयार करना है। प्रदेश सरकार इस अवसर पर राज्य स्थापना के 25 वर्षों में हुए प्रमुख विकास कार्यों की प्रगति रिपोर्ट सदन में रखेगी। इसके साथ ही, अगले दो दशकों में उत्तराखंड को ‘आदर्श राज्य’ बनाने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए विस्तृत रोडमैप पर चर्चा की जाएगी। यह सत्र केवल एक औपचारिक समारोह नहीं, बल्कि राज्य के भविष्य की दिशा तय करने वाला एक महत्वपूर्ण राजनीतिक और विकासात्मक मंच है।
राष्ट्रपति मुर्मू का संबोधन समाप्त होने के बाद, वह नैनीताल के लिए रवाना हो गईं। उनके इस दौरे से राज्य के राजनीतिक और प्रशासनिक हलकों में उत्साह का माहौल है। उत्तराखंड विधानसभा का यह रजत जयंती विशेष सत्र राज्य के विकास को एक नई गति और दिशा प्रदान करेगा। सरकार और विपक्ष दोनों ही राज्य के बेहतर भविष्य के लिए एकजुट होकर इस रोडमैप को आगे बढ़ाने पर सहमति बनाने का प्रयास करेंगे। राज्य की जनता को उम्मीद है कि इस सत्र से निकलने वाले विचार उत्तराखंड के विकास को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे।
