देहरादून
लोनी अर्बन क्रेडिट सोसाइटी घोटाला: सीबीआई ने दर्ज की FIR, अभिनेता श्रेयस तलपड़े-आलोक नाथ समेत 46 पर केस!
उत्तराखंड के करोड़ों रुपये के LUCC चिटफंड घोटाले में CBI ने बड़ी कार्रवाई की है। अभिनेता श्रेयस तलपड़े और आलोक नाथ सहित 46 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज हुई। जानें क्या है पूरा मामला और कैसे हुई धोखाधड़ी।
देहरादून। उत्तराखंड में छोटी-छोटी बचत योजनाओं के नाम पर लोगों को ठगने वाले लोनी अर्बन मल्टी क्रेडिट एंड थ्रिफ्ट कोऑपरेटिव सोसायटी (LUCC) के खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने बड़ा कदम उठाया है। CBI ने इस करोड़ों रुपये के घोटाले के संबंध में एक प्राथमिकी दर्ज की है, जिसमें कंपनी के ब्रांड एंबेसडर रहे अभिनेता श्रेयस तलपड़े और आलोक नाथ सहित कुल 46 लोगों को नामज़द किया गया है। यह कार्रवाई उत्तराखंड हाईकोर्ट के निर्देश पर की गई है।
LUCC ने साल 2019 में उत्तराखंड में अपना काम शुरू किया था और देखते ही देखते कई जिलों में अपनी शाखाएं खोल लीं। इन कार्यालयों के माध्यम से कंपनी ने लोगों को कम समय में अधिक मुनाफे का लालच दिया। उन्हें विदेश में सोना, तेल, रिफाइनरी जैसे क्षेत्रों में निवेश कर मोटा लाभ दिलाने का झांसा दिया गया। जब लोगों का करोड़ों रुपये जमा हो गया, तो कंपनी के कार्यालय अचानक बंद होने लगे। निवेशकों को उनकी परिपक्वता राशि भी नहीं लौटाई गई, जिससे पूरे प्रदेश में हड़कंप मच गया।
इस धोखेबाजी से परेशान निवेशकों ने, खासकर महिलाओं ने, प्रदेशभर में आंदोलन शुरू कर दिया। देहरादून में मुख्यमंत्री आवास तक कूच किया गया था। पहली प्राथमिकी कोटद्वार कोतवाली में स्थानीय महिला तृप्ति नेगी की शिकायत पर दर्ज की गई थी। इसके बाद पुलिस ने कुल 18 प्राथमिकियां दर्ज कीं, जिनमें से 10 मामलों में राज्य पुलिस और सीबीसीआईडी ने चार्जशीट भी दाखिल की थी।
मामले की गंभीरता को देखते हुए, उत्तराखंड हाईकोर्ट ने इसकी जांच CBI को सौंपने का आदेश दिया था। CBI की देहरादून शाखा ने कोटद्वार कोतवाली की प्राथमिकी को आधार बनाते हुए यह नया मामला दर्ज किया है। इस FIR में राज्य पुलिस की बाकी 17 प्राथमिकियों के सभी तथ्यों और आरोपियों के नामों को भी शामिल किया गया है। इससे पहले, उत्तराखंड के चार सांसद भी इस मामले में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलकर कार्रवाई की मांग कर चुके थे, हालांकि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पहले ही CBI जांच की अनुमति दे चुके थे। CBI की जांच शुरू होने से निवेशकों में न्याय की उम्मीद जगी है और इस बड़े घोटाले में शामिल सभी 46 आरोपियों पर शिकंजा कसना तय माना जा रहा है।
