हरिद्वार
धामी की पहल पर अखाड़ों की ‘रार’ खत्म! 2027 अर्द्धकुंभ की तिथियों पर बनी सहमति
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हरिद्वार पहुंचकर 13 अखाड़ों के संतों से की बैठक। 2027 के 97-दिवसीय कुंभ (अर्द्धकुंभ) की तिथियों और व्यवस्थाओं पर सहमति बनी, खत्म हुई अखाड़ों की आपसी नाराज़गी। जानें शाही स्नान की तारीखें।
हरिद्वार। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को धर्मनगरी हरिद्वार पहुंचकर सभी तेरह अखाड़ों के साधु-संतों से मुलाकात की। अखाड़ों में चल रही आपसी ‘रार’ (विवाद) को सुलझाने और आगामी 2027 अर्द्धकुंभ मेले को ‘दिव्य और भव्य’ रूप देने के लिए यह बैठक महत्वपूर्ण थी। मुख्यमंत्री की मौजूदगी में हुई चर्चा के दौरान सभी संतों ने कुंभ की व्यवस्थाओं और प्रस्तावित तिथियों पर सहमति जताकर पूर्व की आपत्तियों पर विराम लगा दिया, जिससे विवाद खत्म हो गया।
मुख्यमंत्री धामी ने इस दौरान सभी अखाड़ों के साधु-संतों का सम्मान किया और कुंभ कार्यक्रम के लिए बनाए गए विशेष पंडाल में उनसे रायशुमारी की। बैठक में गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडे, आईजी गढ़वाल राजीव स्वरूप समेत कई विभागों के अधिकारी मौजूद थे। इससे पहले अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को ही बैरागी से लेकर निर्मोही और निरंजनी से जूना समेत सभी 13 अखाड़ों में पहुंचकर संतों से समन्वय बनाया था।
मेलाधिकारी सोनिका सिंह ने इस दौरान कहा कि सरकार और पूज्य संतों के समन्वय से ही कुंभ मेले को दिव्य और भव्य रूप से संपन्न कराया जाएगा। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि सभी पूज्य संतों ने कुंभ मेले के लिए अपना पूरा आशीर्वाद और सहयोग देने का वादा किया है। यह 97 दिनों का भव्य कुंभ प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन और प्रेरणा से एक शानदार आयोजन होगा। तैयारियों पर काम शुरू हो चुका है, और संतों के सुझावों से कुंभ को बेहतर बनाया जाएगा।
कुंभ मेला मकर संक्रांति, 13 जनवरी को शुरू होगा और 20 अप्रैल तक चलेगा। इस 97-दिवसीय भव्य कुंभ में चार प्रमुख शाही स्नान होंगे। पहला शाही स्नान 14 जनवरी को होगा, और अप्रैल में कुंभ का समापन होगा। ओम पुल से भव्य आतिशबाजी के साथ इन तिथियों की घोषणा की गई। संतों ने अर्द्धकुंभ को कुंभ बनाने की पहल का स्वागत किया और जगद्गुरु आश्रम में पहुंचकर सीएम धामी ने जगद्गुरु से सुझाव भी लिए।
