नई दिल्ली
पिथौरागढ़ में दर्दनाक हादसा: भूस्खलन से मकान ढहा, 22 वर्षीय युवक की मौत से कोहराम
पिथौरागढ़ के अस्कोट क्षेत्र में रसगाड़ी में शुक्रवार तड़के भूस्खलन हुआ, जिससे एक मकान ध्वस्त हो गया। मलबे में दबकर 22 वर्षीय भुवन जोशी की मौत हो गई। घटना का कारण और प्रशासन की कार्रवाई जानें।
पिथौरागढ़। जिले में शुक्रवार तड़के एक दर्दनाक भूस्खलन की घटना सामने आई है। अस्कोट क्षेत्र के रसगाड़ी स्थित ओजपाली तोक में अचानक भूस्खलन होने से ललित मोहन जोशी का मकान ध्वस्त हो गया। घटना सुबह लगभग चार बजे हुई। पहाड़ी से भारी मलबा और बोल्डर दीवार तोड़ते हुए मकान के भीतर घुस गए, जिससे छत गिर गई। मकान के भीतर सो रहा ललित मोहन जोशी का पुत्र भुवन जोशी (22) मलबे के नीचे दब गया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
हादसे के बाद परिजनों में गहरा कोहराम मच गया। भारी मात्रा में जमा मलबा हटाना परिजनों के लिए असंभव था। ग्रामीणों ने तुरंत राजस्व विभाग और पुलिस को घटना की सूचना दी। दोनों विभागों की टीम तत्काल मौके पर पहुंची और कड़ी मशक्कत के बाद मलबा हटाया। हालांकि, तब तक बहुत देर हो चुकी थी और युवक भुवन जोशी दम तोड़ चुका था। पुलिस ने शव को पंचनामा कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। इस दुखद घटना से पूरे क्षेत्र में शोक व्याप्त है।
ग्रामीण एकता मंच के संयोजक तरुण पाल ने बताया कि इस भूस्खलन का मुख्य कारण घर के ऊपर बनी सिंचाई गूल का क्षतिग्रस्त होना हो सकता है। गूल के क्षतिग्रस्त होने से लंबे समय से पानी का रिसाव हो रहा था, जिसने मिट्टी को कमजोर कर दिया। इस रिसाव से ही भूस्खलन की आशंका बनी थी। तहसीलदार पिंकी आर्या ने इस मामले में तत्काल कार्रवाई करते हुए मृतक के परिजनों को सरकारी सहायता राशि प्रदान की है। उन्होंने कहा कि घटना के वास्तविक कारणों का पता लगाने के लिए जांच की जाएगी।
उत्तराखंड में मानसून के बाद भी भूस्खलन की घटनाएँ संवेदनशील क्षेत्रों में चिंता बढ़ा रही हैं। स्थानीय प्रशासन को जल रिसाव और कमजोर ढाँचों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है, ताकि भविष्य में ऐसे हादसों को रोका जा सके। भुवन जोशी की आकस्मिक मौत ने क्षेत्र के लोगों को स्तब्ध कर दिया है। प्रशासन ने क्षेत्र के अन्य जोखिम वाले मकानों का सर्वे करने का आश्वासन दिया है।
