देहरादून
देहरादून: दूरस्थ बटोली गांव में पहुंचकर जिलाधिकारी सविन बंसल ने दिखाई संवेदनशीलता, दुर्गम रास्तों से होकर गांव में सुनीं समस्याएं, राहत कार्यों के दिए निर्देश
देहरादून। जनपद के मिसरास पट्टी स्थित बटोली गांव में गुरुवार को एक खुली बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें जिलाधिकारी सविन बंसल ने खुद पैदल चलकर गांव पहुंचकर ग्रामीणों की समस्याएं सुनीं और समाधान के निर्देश दिए। हाल ही में अतिवृष्टि के चलते गांव का संपर्क शहर से कट गया था, ऐसे में जिलाधिकारी ने मानवीय संवेदनशीलता दिखाते हुए कोटी से करीब ढाई किलोमीटर का दुर्गम रास्ता पैदल पार किया और नदी व पथरीली पगडंडियों से होते हुए गांव पहुंचे। इसके बाद उन्होंने करीब 500 मीटर के खड़े पहाड़ पर बने अस्थायी मार्ग को पार कर ग्रामीणों तक पहुंच बनाई।
बैठक के दौरान ग्रामीणों ने सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा और आवास जैसी समस्याओं को जिलाधिकारी के समक्ष रखा। इस पर डीएम ने लोक निर्माण विभाग को कोटी-बटोली मार्ग को अपने अधीन लेकर पुनर्निर्माण करने के निर्देश दिए। साथ ही गांव से थान गांव तक वैकल्पिक मार्ग तैयार करने हेतु तत्काल सर्वे करने को कहा।
जिलाधिकारी ने तीन माह तक क्षतिग्रस्त रास्तों की मरम्मत और सफाई के लिए श्रमिकों और मशीनरी को 24 घंटे तैनात रखने के आदेश भी दिए। आपदा प्रबंधन के तहत बटोली गांव के पास 15 दिन के भीतर हैलीपेड निर्माण के निर्देश भी एसडीएम विनोद कुमार को दिए गए।
स्वास्थ्य सेवाओं के तहत गांव में गर्भवती महिलाओं और बच्चों के नियमित स्वास्थ्य परीक्षण के लिए एएनएम की नियमित तैनाती का निर्देश दिया गया। वहीं, वर्षा ऋतु के दौरान बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए डीएम ने गांव में ही किराए के भवन में स्कूल संचालित करने के निर्देश दिए और तीन माह के किराये का अग्रिम भुगतान भी किया।
ग्रामीणों को राहत स्वरूप तीन माह तक किराए पर रहने के लिए 3.84 लाख रुपये के चेक वितरित किए गए। सड़क सुधार हेतु 3.89 लाख रुपये मंजूर किए गए। साथ ही गांव में 20 सोलर लाइट लगाने और झूला पुल निर्माण के लिए सचिव लोक निर्माण विभाग को पत्र भेजने की जानकारी भी ग्रामीणों को दी गई।
जिलाधिकारी द्वारा लिए गए ये त्वरित और ठोस निर्णय आपदा की घड़ी में प्रशासन की सजगता और संवेदनशीलता का उदाहरण हैं।
