पीर दिल में कहीं भी जमी न रहे,
आँख में आँसुओं की नमी न रहे,
चाहे नफ़रत ही तुमसे करें लोग पर,
हौसलों में तुम्हारे कमी न रहे।
मृत्यु के घन तुम्हें देख छँट जाते हैं,
पग तुम्हारे जहाँ पर भी डट जाते हैं,
तुम हो धरती के भगवान भूलो नहीं,
पा तुम्हें सामने यम भी हट जाते हैं।
सर्व चिकित्सा धर्म तुम्हरा
ऐसा तुमको ज्ञान मिला,
धरती पर ईश्वर के जैसा
है तुमको सम्मान मिला,
मरते को जीवन देने का
है तुमको वरदान मिला,
यही सोचकर देश की सेवा
का तुमको अभियान मिला।
कोरोना जैसी भयंकर महामारी में सबके स्वास्थ्य की रक्षा के लिए सेवारत चिकित्सकों को समर्पित
देवेश द्विवेदी ‘देवेश’