उत्तराखण्ड
कुमाऊं में नए साल से ग्रीन सेस लागू, वाहनों पर स्वचालित वसूली शुरू
हल्द्वानी: नए साल से कुमाऊं में यात्रा करने वालों के लिए एक नई व्यवस्था लागू होने जा रही है। बाहरी राज्यों से आने वाले वाहनों पर ग्रीन सेस यानी प्रवेश शुल्क लगाया जाएगा। यह शुल्क सीमा पर लगाए गए स्वचालित नंबर प्लेट पहचान (एएनपीआर) कैमरों के माध्यम से वाहनों के वालेट से स्वचालित रूप से काटा जाएगा।
हिमाचल प्रदेश की तर्ज पर लागू होगी व्यवस्था
यह व्यवस्था हिमाचल प्रदेश की तर्ज पर लागू की जा रही है। इसका उद्देश्य राज्य के पर्यावरण संरक्षण और आर्थिक विकास में योगदान देना है। अभी तक उत्तराखंड में केवल मालवाहक वाहनों से ग्रीन सेस लिया जाता था, लेकिन अब निजी वाहनों पर भी यह शुल्क लागू होगा।
कैसे होगी वसूली?
* स्वचालित प्रणाली: सीमा पर लगाए गए एएनपीआर कैमरे वाहनों की नंबर प्लेट को स्कैन करेंगे और स्वचालित रूप से वाहन मालिक के वालेट से ग्रीन सेस काट लेंगे।
* निजी कंपनी का सहयोग: इस व्यवस्था को लागू करने के लिए परिवहन विभाग ने एक निजी कंपनी को नियुक्त किया है।
* शुल्क की दर: ग्रीन सेस की दर अभी तक तय नहीं की गई है, लेकिन यह अन्य राज्यों में लागू शुल्क के आसपास ही रहने की संभावना है।
कहां लगेंगे कैमरे?
कुमाऊं क्षेत्र के विभिन्न स्थानों पर एएनपीआर कैमरे लगाए जा रहे हैं। इनमें ऊधम सिंह नगर जिले के जसपुर, काशीपुर, बाजपुर, रुद्रपुर, पुलभट्टा, मझोला और नैनीताल जिले का काठगोदाम शामिल हैं। इसके अलावा, रामनगर के आमडंडा, हल्द्वानी के बेलबाबा, हल्दूचौड़ पुलिस चौकी, लामाचौड़ फारेंस्ट चौकी, नयागांव, रुद्रपुर के सरकंडा पुलिस चौकी, दशमेश नगर, दरऊ और काशीपुर के पैंगा पुलिस चौकी, दधियाल पुलिस चौकी पर भी कैमरे लगाए जाएंगे।
फायदे:
* राजस्व वृद्धि: ग्रीन सेस से प्राप्त राजस्व का उपयोग राज्य के विकास कार्यों में किया जाएगा।
* पर्यावरण संरक्षण: ग्रीन सेस से प्राप्त राशि को पर्यावरण संरक्षण के लिए उपयोग किया जाएगा।
* यातायात प्रबंधन: इस व्यवस्था से यातायात प्रबंधन में सुधार होगा और वाहनों की आवाजाही पर नजर रखना आसान हो जाएगा।
चुनौतियां:
* तकनीकी खराबी: एएनपीआर कैमरों में तकनीकी खराबी आने पर सिस्टम में बाधा उत्पन्न हो सकती है।
* वाहन मालिकों का विरोध: कुछ वाहन मालिकों को इस व्यवस्था से आपत्ति हो सकती है।
