देहरादून। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) से संचालित होने वाली हेली एंबुलेंस सेवा का लाभ प्रदेश के दुर्गम क्षेत्रों से गंभीर स्थिति में गर्भवतियों को हेली एंबुलेंस सेवा का लाभ मिलेगा। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने हेली एंबुलेंस सेवा की मानक प्रचालन प्रक्रिया (एसओपी) में गर्भवतियों को प्राथमिकता के आधार पर सेवा देने का प्रावधान करने के निर्देश दिए।
सचिवालय में मुख्य सचिव ने हेली एंबुलेंस सेवा शुरू करने के लिए अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने निर्देश दिए कि शीघ्र ही हेली एंबुलेंस संचालन के लिए एसओपी को अंतिम रूप दिया जाए। इसके लिए एम्स ऋषिकेश के साथ ही जिलाधिकारियों, सीएमओ, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारियों व अन्य हितधारकों के साथ समन्वय कर एसओपी तैयार कर स्वास्थ्य विभाग को भेजा जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि एसओपी में राज्य के दुर्गम क्षेत्रों की गंभीर स्थिति वाली गर्भवतियों को तत्काल आपात चिकित्सा उपलब्ध कराने के लिए हेली एंबुलेंस सेवा में प्राथमिकता मिलनी चाहिए।
बैठक में एम्स ऋषिकेश के अधिकारियों ने बताया कि एयरो मेडिकल सर्विस की एसओपी का प्रस्ताव तैयार कर लिया गया। हेली एंबुलेंस सेवा के लिए कॉल सेंटर स्थापित कर दिया गया। हेल्पलाइन ऑडिट प्रक्रिया की गुणवत्ता सुधार पर कार्य किया जा रहा है। एम्स के मेडिकल स्टाफ और टीम के क्षमता विकास पर भी काम चल रहा है। बैठक में अपर सचिव सोनिका, नमामि बंसल तथा एम्स निदेशक डॉ. मीनू सिंह मौजूद थे।
प्रदेश के दुर्गम क्षेत्रों में गर्भवतियों को मिलेगा हेली एंबुलेंस सेवा का लाभ
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