नैनीताल: नौकुचियाताल के सिलौटी में वन विभाग की ओर से लगाए गए पिंजरे में मंगलवार को एक तेंदुआ फंस गया। वन विभाग की टीम ने तत्काल कार्रवाई करते हुए तेंदुए को रेस्क्यू कर रानीबाग रेस्क्यू सेंटर भेज दिया।
लीला देवी की मौत का मामला
हालांकि अभी तक यह पुष्टि नहीं हो पाई है कि पकड़ा गया तेंदुआ ही 25 नवंबर को लीला देवी की मौत का जिम्मेदार था। विभाग ने तेंदुए के नमूने जांच के लिए देहरादून भेजे हैं। इसके अलावा, पहले भेजे गए नमूनों की रिपोर्ट अभी तक नहीं आई है।
ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए किए गए उपाय
सिलौटी और आसपास के क्षेत्र में ग्रामीणों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए वन विभाग ने कई कदम उठाए हैं। विभाग ने क्षेत्र में दस सोलर लाइटें लगाई हैं। इसके अलावा, अन्य स्थानों पर ट्रैप कैमरे और पिंजरे लगाए गए हैं। वन कर्मचारी रात-दिन गश्त कर रहे हैं। लोगों को जंगल में जाने से मना किया गया है।
वन विभाग का बयान
वन क्षेत्राधिकारी विजय मेलकानी ने बताया कि एक तेंदुए को पिंजरे में फंसाया गया है और उसे रेस्क्यू सेंटर भेज दिया गया है। उन्होंने कहा कि वन कर्मचारी लगातार गश्त कर रहे हैं और विभाग ने क्षेत्र में सोलर लाइटें भी लगाई हैं।
स्थानीय लोगों में राहत
तेंदुए के पकड़े जाने से स्थानीय लोगों ने राहत की सांस ली है। हालांकि, विभाग अभी भी सतर्क है और क्षेत्र में निगरानी रख रहा है।
मुख्य बिंदु:
* सिलौटी में तेंदुए को पिंजरे में फंसाया गया।
* तेंदुए को रानीबाग रेस्क्यू सेंटर भेजा गया।
* लीला देवी की मौत का मामला अभी भी अनसुलझा।
* विभाग ने नमूने जांच के लिए भेजे।
* ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए कई उपाय किए गए।