उत्तराखंड लोक वाहनी द्वारा आयोजित की गई संगोष्ठी
अल्मोड़ा। उत्तराखंड के जननायक डॉ शमशेर सिंह बिष्ट की 77 वीं जयंती के उपलक्ष्य पर उत्तराखंड लोक वाहनी द्वारा एक संगोष्ठी कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसकी अध्यक्षता छावनी परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष जंग बहादुर थापा ने की।
शमशेर सिंह बिष्ट के जन सरोकारों पर आधारित जीवन वृत्त पर प्रकाश डाला गया और उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। संचालन करते हुवे वाहनी के प्रवक्ता दयाकृष्ण काण्डपाल ने कहा कि डा़ शमशेर सिंह बिष्ट की सम्पूर्ण जीवन उत्तराखण्ड़ के जनसरोकारों के लिये समर्पित रहा। अल्मोड़ा महाविद्यालय मे बतौर छात्रसंघ अध्यक्ष के रूप में उन्होंने सार्वजनिक जीवन मे कदम रखा तो पीछे मुडकर नही देखा। उन्होंने बन बचाओं आन्दोलन , नशा नही राज्य दो आन्दोलन तथा उत्तराखण्ड़ राज्य आन्दोलन का नेतृत्व किया अल्मोड़ा मे विश्वविद्यालय आन्दोलन, भर्ती आफिस बनाये रखने का आन्दोलन, पानी का आन्दोलन मैग्नेसाईट आन्दोलन बड़े बाधों के दुस्परिणामों के खिलाफ आन्दोलनों का उन्होंने वाहिनी के माध्यम से नेतृत्व किया। पूरे देश के जनआन्दोलनकारियों में शमशेर सिंह बिष्ट का एक प्रमुख स्थान रहा।
विशन दत्त जोशी ने कहा कि यदि शमशेर सिंह बिष्ट जीवित होते तो अल्मोडा नगर के मध्य से जिला व तहसील मुख्यालय इतनी दूर पाण्डेखोला में नही जाने देते। अल्मोड़ा से जब भर्ती कार्यालय स्थानान्तरित हो रहा था तब उन्होंने सामान ही नही जाने दिया था तब रक्षा मन्त्रालय को अपना फैसला बदलना पड़ा था।
थापा ने कहा कि डा़ शमशेर सिंह बिष्ट जनमानस मे जननायक के रूप मे हमेशा अमर रहेंगे। आज जोशीमठ मे जो भू -धसाव हो रहा है उन्होने इसे 2006 मे ही भांप लिया था , तथा बड़े बाधो सहित सुरंग आधारित परियोजनाओं को भी पहाड के लिये विनास का कारण बताया था। संगोष्ठी मे रेवती बिष्ट ने डा शमशेर सिह विष्ट के जीवन बृत पर प्रकाश डालते कहा कि जनसहयोग के बल पर ही वह आजीवन जनसंघषों का नेतृत्व करते रहे। संगोष्ठी के अन्त मे अजयमित्र सिंह बिष्ट ने सभी आगन्तुकों का आभार ब्यक्त किया संगोष्ठी मे एड जगत रौतेला , हारिस मुहम्मद , पूरन चन्द्र तिवारी , आदिति बिष्ट, माधुरी मेहता ,कुणाल तिवारी , नवीन पाठक आदि ने संम्बोधित किया। डा़ शमशेर सिंह बिष्ट को श्रद्धान्जली दी।
डा. शमशेर सिंह बिष्ट को जयन्ती पर याद किया
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