देहरादून: समान नागरिक संहिता (यूसीसी) की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए, सरकार को शुक्रवार को इस संबंध में एक विस्तृत ड्राफ्ट सौंप दिया गया है। यह ड्राफ्ट विवाह, तलाक, उत्तराधिकार और अन्य व्यक्तिगत कानूनों को एक समान ढांचे में लाने का प्रयास करता है।
ड्राफ्ट की मुख्य विशेषताएं:
* संतान की संपत्ति में माता-पिता का हिस्सा: यूसीसी के लागू होने के बाद एक महत्वपूर्ण बदलाव यह होगा कि संतान की मृत्यु होने पर माता-पिता भी उसकी चल-अचल संपत्ति में हिस्सेदार होंगे। वर्तमान में, अधिकांश मामलों में, संपत्ति पति या पत्नी को ही मिलती है, जिससे माता-पिता आर्थिक रूप से असुरक्षित हो जाते हैं।
* विवाह पंजीकरण अनिवार्य: यूसीसी के तहत सभी विवाहित जोड़ों के लिए विवाह का पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा। इसके लिए जोड़ों को छह महीने का समय दिया जाएगा। यदि इस अवधि में पंजीकरण नहीं कराया जाता है, तो तीन महीने का अतिरिक्त समय दिया जाएगा।
* लिव-इन रिलेशनशिप और अन्य मामलों का विनियमन: ड्राफ्ट में लिव-इन रिलेशनशिप, जन्म और मृत्यु पंजीकरण जैसी अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी विस्तृत प्रावधान किए गए हैं।
* कानूनी कार्रवाई: यदि कोई व्यक्ति विवाह पंजीकरण या अन्य आवश्यक कागजी कार्रवाई नहीं कराता है, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।
ड्राफ्ट का आगे का क्या होगा:
* अनुवाद और तकनीकी समीक्षा: अंग्रेजी में तैयार किए गए इस ड्राफ्ट का अनुवाद किया जाएगा और विधि एवं न्याय विभाग में इसकी तकनीकी समीक्षा की जाएगी।
* मंत्रिमंडल की बैठक: समीक्षा के बाद, सरकार मंत्रिमंडल की बैठक बुलाकर यूसीसी को प्रभावी तौर पर लागू करने की तैयारियों और तिथि की घोषणा कर सकती है।
यूसीसी के प्रभाव:
यूसीसी के लागू होने से देश में व्यक्तिगत कानूनों में एकरूपता आएगी और न्यायिक प्रक्रिया सरल होगी। यह महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों के अधिकारों को मजबूत करेगा और उन्हें आर्थिक रूप से सुरक्षित बनाएगा।
विशेषज्ञों की प्रतिक्रिया:
विशेषज्ञों का मानना है कि यूसीसी एक ऐतिहासिक कदम है जो भारत को एक आधुनिक और समतावादी समाज बनाने की दिशा में ले जाएगा। हालांकि, कुछ लोगों ने इस पर चिंता भी व्यक्त की है कि यूसीसी विभिन्न धर्मों और समुदायों की सांस्कृतिक पहचान को प्रभावित कर सकता है।
यूसीसी का ड्राफ्ट तैयार: माता-पिता को मिलेगी संतान की संपत्ति में हिस्सेदारी, विवाह पंजीकरण अनिवार्य
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