देहरादून। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व सीएम हरीश रावत ने दिवाली के मौके पर उत्तराखंडी पकवानों से सियासी छौंका लगाया। कहा, इन दिनों मैं गड्ढा इंस्पेक्टर हो गया है। स्मार्ट सिटी देहरादून से ही गड्ढों में तब्दील सड़कों को देखने के लिए 22 से अधिक निमंत्रण मिले हैं। जब स्मार्ट सिटी की सड़कों का ये हाल है तो प्रदेश में क्या स्थिति होगी।
शुक्रवार को डिफेंस कालोनी स्थित आवास पर हरीश रावत ने चुटकाणी, भट्टवाणी, मूली की थिंचौणी, भात, पहाड़ी ककड़ी के रायते की दावत दी। इस दौरान उन्होंने छात्र संघ चुनाव, उपनल कर्मचारियों के नियमितीकरण व सड़कों के गड्ढों को लेकर भाजपा सरकार पर पलटवार किया।
कहा, प्रदेश में छात्रसंघ चुनाव न कराकर भाजपा सरकार ने लोकतांत्रिक प्रक्रिया को खत्म करने का काम किया। जब सरकार ने चुनाव की तिथि का एलान किया तो विवि व कॉलेजों में चुनाव कराना किसी जिम्मेदारी है। एक भी विवि व कॉलेजों ने चुनाव नहीं कराए। जो एक तरह का षड्यंत्र है। सरकार यदि छात्रसंघ चुनाव कराना चाहती थी तो तिथि आगे बढ़ाई जा सकती थी।
रावत ने कहा, उनकी सरकार ने उपनल और अतिथि शिक्षकों को सात और 10 साल की सेवा के बाद नियमितीकरण का निर्णय लिया था। इसे दिल्ली और हरियाणा की सरकार ने अपनाया, लेकिन भाजपा सरकार कर्मियों का शोषण कर रही है। इन कर्मचारियों के समर्थन में हरीश रावत ने एक घंटे का मौन उपवास कर विरोध जताया।
पूर्व सीएम हरदा बोले, आजकल मैं गड्ढा इंस्पेक्टर हो गया, देहरादून में गड्ढों में तब्दील सड़कों को देखने मिल रहे निमंत्रण
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