देहरादून: उत्तराखंड में हाथियों के हमलों से हाहाकार मचा हुआ है। पिछले दो दिनों में हाथियों के हमलों में तीन लोगों की जान जा चुकी है। सबसे पहले बुधवार को देहरादून के जौलीग्रांट में चारा लेने गए एक बुजुर्ग दंपति को हाथी ने पटक-पटककर मार डाला था और अब गुरुवार को रुड़की के भगवानपुर तहसील क्षेत्र में एक युवक को हाथी ने मार डाला है।
रुड़की में युवक की मौत:
रुड़की के हजारा ग्रंथ गांव में सोमपाल नामक एक युवक खेत से घर लौट रहा था, तभी रास्ते में एक हाथी ने उस पर हमला कर दिया। हाथी ने युवक को सूंड में दबोचकर जमीन पर पटक दिया जिससे उसकी मौत हो गई।
जौलीग्रांट में बुजुर्ग दंपति की मौत:
इससे पहले बुधवार को देहरादून के जौलीग्रांट में चारा लेने गए राजेंद्र पंवार (70) और उनकी पत्नी सुशीला पंवार (65) को हाथी ने मार डाला था। दोनों जंगल में अकेले ही गए थे और दोपहर तक घर नहीं लौटे। ग्रामीणों ने उनकी खोजबीन शुरू की और अंत में उनके शव जंगल में मिले।
वन विभाग का मुआवजा:
वन विभाग ने दोनों घटनाओं में मृतकों के परिवारों को दो-दो लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है। डीएफओ नीरज कुमार शर्मा ने बताया कि शेष राशि जांच के बाद दी जाएगी।
हाथियों के हमलों में बढ़ोतरी:
उत्तराखंड में हाथियों के हमलों की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। इसका मुख्य कारण मानव-वन्यजीव संघर्ष है। बढ़ती आबादी के कारण जंगलों का अतिक्रमण हो रहा है और हाथियों का प्राकृतिक आवास छिन रहा है। जिसके कारण वे भोजन की तलाश में मानव बस्तियों की ओर बढ़ रहे हैं।
सुरक्षा के उपाय:
वन विभाग ने हाथियों के हमलों को रोकने के लिए कई उपाय किए हैं, जैसे कि हाथियों को जंगल में ही रोकने के लिए फेंसिंग लगाना और लोगों को जंगल में अकेले न जाने की चेतावनी देना। लेकिन फिर भी ये घटनाएं रुक नहीं रही हैं।