सबकी अपनी लॉबी सबका गुट अपना,
बँटे हुए खेमें सबका झुरमुट अपना,
नहीं कोई बंदिश कोई पैमाना है,
सबकी अपनी भाषा,शैली,पुट अपना।
देवेश द्विवेदी ‘देवेश
सबकी अपनी लॉबी सबका गुट अपना,
बँटे हुए खेमें सबका झुरमुट अपना,
नहीं कोई बंदिश कोई पैमाना है,
सबकी अपनी भाषा,शैली,पुट अपना।
देवेश द्विवेदी ‘देवेश