हरिद्वार
हरिद्वार: करोड़ों की संपत्ति और लग्जरी लाइफ का शौक बना हत्या की वजह, बेटे ने दी थी दोस्तों को 30 लाख और स्कॉर्पियो!
हरिद्वार में नहर पटरी पर रिटायर्ड एयरफोर्स जवान भगवान सिंह की हत्या का खुलासा। आरोपी बेटा यशपाल और उसके दो दोस्त गिरफ्तार। हत्या की वजह करोड़ों की संपत्ति, महंगे शौक और पिता का नाम संपत्ति न करना।
हरिद्वार। बहादराबाद क्षेत्र में नहर पटरी पर एयरफोर्स के रिटायर्ड जवान भगवान सिंह की हत्या का पुलिस ने सोमवार को सनसनीखेज खुलासा किया है। हत्या किसी बाहरी व्यक्ति ने नहीं, बल्कि उन्हीं के बेटे यशपाल ने करोड़ों की संपत्ति के लालच और महंगे शौक पूरे करने के लिए करवाई थी। एसएसपी प्रमेंद्र सिंह डोबाल ने बताया कि यशपाल ने अपने पिता की हत्या के लिए दो दोस्तों को 30 लाख रुपये और एक स्कॉर्पियो देने का सौदा किया था। पुलिस ने आरोपी बेटे यशपाल और उसके दोनों दोस्तों ललित मोहन उर्फ राजन और शेखर को गिरफ्तार कर लिया है।
हत्या की वजह और साजिश
जांच में सामने आया कि आरोपी यशपाल, जो बीबीए की पढ़ाई कर चुका है, वह महंगे नशे और लग्जरी लाइफस्टाइल का शौकीन था। उसके पिता भगवान सिंह (रिटायर्ड एयरफोर्स मौसम विभाग) के पास करोड़ों की संपत्ति थी और गाजीवाला में लाखों की संपत्ति थी, जिससे उन्हें हर महीने करीब एक लाख रुपये किराया भी आता था। यशपाल लगातार पिता पर संपत्ति अपने नाम करने का दबाव बना रहा था, लेकिन पिता ने मना कर दिया। इससे नाराज होकर यशपाल ने अपने दोस्त ललित मोहन उर्फ राजन और शेखर निवासीगण सीतापुर, ज्वालापुर के साथ मिलकर हत्या की योजना बनाई।
वारदात को अंजाम और पुलिस का शक
तीनों आरोपियों ने तय किया कि यशपाल अपने पिता को रोशनाबाद में दोस्त की शादी में जाने के बहाने रात में कार से नहर पटरी पर लेकर आएगा, जहां राजन और शेखर जटवाला पुल से आगे डैम के पास मिलेंगे। बीती 29 नवंबर की रात को यशपाल बहाने से पिता को डैम पर लाया। यशपाल ने गाड़ी रुकवाई और राजन को दोस्त बताकर कार में बैठा लिया। कार में बैठते ही राजन उर्फ ललित मोहन ने तमंचे से भगवान सिंह की कनपटी पर फायर कर दिया, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई।
यशपाल ने पुलिस को सूचना दी थी कि लिफ्ट लेने वाले अज्ञात बदमाश ने उनके पिता की गोली मारकर हत्या कर दी है। हालांकि, मौके पर पहुंची पुलिस द्वारा यशपाल से पूछताछ में उसके बयान लगातार बदलने लगे और वह दोस्त की शादी के बारे में सही जानकारी नहीं दे पाया। शक की सुई बेटे पर गई और कड़ी पूछताछ के बाद उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया।
