कुछ लोगों का इस जीवन में समझ न आया रोल,
हाथ लगाकर जब देखा तो मिला ढोल में पोल,
न उनकी करनी में गरिमा न कथनी का मोल,
कई यहाँ पर व्याल घूमते ओढ़ केंचुआ खोल।
देवेश द्विवेदी ‘देवेश’
कुछ लोगों का इस जीवन में समझ न आया रोल,
हाथ लगाकर जब देखा तो मिला ढोल में पोल,
न उनकी करनी में गरिमा न कथनी का मोल,
कई यहाँ पर व्याल घूमते ओढ़ केंचुआ खोल।
देवेश द्विवेदी ‘देवेश’