कोलकाता: कोलकाता में एक आईएएस अधिकारी की पत्नी से बंदूक की नोक पर हुए दुष्कर्म के मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट ने पुलिस की लापरवाही पर गंभीर नाराजगी जताई है। कोर्ट ने आरोपी की जमानत रद्द करते हुए मामले की जांच को उपायुक्त स्तर की महिला पुलिस अधिकारी को सौंपने का आदेश दिया है। साथ ही, कोर्ट ने कोलकाता पुलिस कमिश्नर को लेक पुलिस थाने के ओसी, एक सब-इंस्पेक्टर, एक सार्जेंट और तीन महिला पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
जानकारी के अनुसार, 14 और 15 जुलाई की रात आरोपी ने पीड़िता के घर में घुसकर बंदूक की नोक पर दुष्कर्म किया था। पीड़िता ने अगले दिन लेक पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन पुलिस ने उसकी शिकायत पर उचित कार्रवाई नहीं की। पीड़िता का आरोप था कि यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोपों के बावजूद शुरुआत में मामूली धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई।
हाईकोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए कहा कि पुलिस ने एफआईआर सही तरीके से दर्ज नहीं की और चार्जशीट को विकृत किया। कोर्ट ने यह भी सवाल उठाया कि दुष्कर्म की शिकायत दर्ज होने के बाद भी मेडिकल जांच क्यों नहीं कराई गई?
पुलिस की लापरवाही:
* एफआईआर में गड़बड़ी: पुलिस ने यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोपों के बावजूद मामूली धाराओं में एफआईआर दर्ज की।
* मेडिकल जांच में देरी: दुष्कर्म की शिकायत दर्ज होने के बाद भी मेडिकल जांच नहीं कराई गई।
* आरोपी को जमानत मिलना: निचली अदालत ने आरोपी को जमानत दे दी थी।
हाईकोर्ट का फैसला:
* आरोपी की जमानत रद्द: हाईकोर्ट ने आरोपी की जमानत और अग्रिम जमानत खारिज कर दी।
* जांच अधिकारी को हटाया: हाईकोर्ट ने मामले की जांच को उपायुक्त स्तर की महिला पुलिस अधिकारी को सौंपने का आदेश दिया।
* पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई: कोर्ट ने कोलकता पुलिस कमिश्नर को लेक पुलिस थाने के कई अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
आईएएस अधिकारी की पत्नी से दुष्कर्म, पुलिस की लापरवाही, आरोपी की जमानत रद्द
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