उपद्रवियों ने रूमाल और नकाब से मुंह ढककर जमकर मचाया तांडव, तीन घंटे में करीब सौ से अधिक दोपहिया और चौपहिया वाहनों को फूंक डाला
हल्द्वानी। वनभूलपुरा क्षेत्र के मलिक का बगीचा की करीब दो एकड़ भूमि को नजूल भूमि बताते हुए प्रशासन और नगर निगम की संयुक्त टीम बीती 29 जनवरी को मौके पर पहुंची। भूमि को अपने कब्जे में लेते हुए निगम ने पक्का निर्माण ढहाया।
हालांकि यहां बने एक मदरसे और धार्मिक स्थल को उस दिन नहीं तोड़ा गया। दूसरे दिन भी एक टीम ने मौके पर पहुंचकर तारबाड़ किया। वहीं, इसी दिन शाम को संबंधित व्यक्ति को नोटिस जारी कर एक फरवरी तक दोनों निर्माण हटा लेने को कहा गया। हालांकि एक फरवरी को कोई कार्रवाई नहीं हुई। तीन फरवरी को विरोध में वनभूलपुरा क्षेत्र के कई लोग नगर निगम पहुंचे और अफसरों के सामने विरोध दर्ज किया। बात नहीं बनी तो अफसरों ने चार फरवरी की सुबह छह बजे अतिक्रमण तोड़ने का मन बनाया।
कार्रवाई की भनक लगते ही दर्जनों महिलाएं मलिक के बगीचे के पास दुआएं पढ़ने बैठ गई। देर रात वनभूलपुरा थाने में एसएसपी प्रह्लाद नारायण मीणा की मौजूदगी में प्रशासन और निगम अफसरों की बैठक हुई। इस दौरान दोनों निर्माण ध्वस्त न करने का फैसला लिया गया और प्रशासन की एक टीम ने रात में मदरसा और धार्मिक स्थल सील कर दिया था। इधर, गुरुवार दोपहर को प्रशासन, नगर निगम और पुलिस की टीम अतिक्रमण ध्वस्त करने अचानक पहुंच गए। यहां कार्रवाई शुरू होते ही विवाद भी शुरू हो गया। मामले ने जल्द ही बड़ी हिंसा का रूप ले लिया।
वनभूलपुरा में धार्मिक स्थल और मदरसा तोड़े जाने से नाराज लोगों ने कार्रवाई का जमकर विरोध किया। उपद्रवियों ने रूमाल और नकाब से मुंह ढककर जमकर उपद्रव मचाया। तीन घंटे में करीब सौ से अधिक दोपहिया और चौपहिया वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया। चारों तरफ से हो रही पत्थरबाजी में पुलिसकर्मी, हल्द्वानी एसडीएम व तहसीलदार समेत दो सौ से ज्यादा लोग घायल हुए। घायलों को बेस समेत कई अस्पतालों में भर्ती कराया गया।
वनभूलपुरा में प्रशासन की कार्रवाई का विरोध करने के लिए सैकड़ों युवा, छोटे बच्चे और महिलाएं पहले से ही तैयार थे। अतिक्रमण हटाने को लेकर हुए बवाल के दौरान स्थिति को काबू करने में लगे पुलिसकर्मियों पर गलियों में एकत्र क्षेत्रीय लोगों की भीड़ ने जमकर पथराव किया। उपद्रव के बीच अतिक्रमण ध्वस्तीकरण की कार्रवाई को रोककर अधिकारी और पुलिसकर्मी वापस लौटने लगे। इस पर दंगाइयों ने वाहनों में आग लगाकर रास्ता बंद करने की कोशिश की। बलवाइयों ने पुलिस की सिटी पट्रोल कार और नगर निगम का ट्रैक्टर भी फूंक दिया। सूत्रों के अनुसार, पत्थरबाजी से पुलिस के दर्जनों अफसरों समेत 200 से अधिक जवान घायल हो गए। एसडीएम हल्द्वानी पारितोष वर्मा, एसडीएम कालाढूंगी रेखा कोहली, तहसीलदार सचिन कुमार समेत कई अफसरों के भी घायल होने की सूचना है।
हल्द्वानी में अवैध मदरसे और धार्मिक स्थल पर कार्रवाई की भनक लगते ही जुटने लगीं महिलाएं और हो गया बवाल
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