हरिद्वार: हरिद्वार के रिहायशी इलाकों में जंगली हाथियों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। शुक्रवार को एक ताजा मामला सामने आया जब एक हाथी जंगल से भटककर गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय पहुंच गया। विश्वविद्यालय परिसर में हाथी के आने से अफरा-तफरी मच गई और छात्रों सहित सभी लोगों में दहशत फैल गई।
विश्वविद्यालय परिसर में घूमते हुए हाथी को देखकर लोग अपनी जान बचाकर भागने लगे। काफी देर तक हाथी परिसर में ही रहा और लोगों को डराता रहा।
यह पहली बार नहीं है जब हरिद्वार में जंगली हाथी आबादी वाले इलाकों में पहुंचे हों। इससे पहले भी जगजीतपुर क्षेत्र में हाथियों के झुंड देखे गए थे, लेकिन अब हाथी गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय जैसे बड़े शैक्षणिक संस्थानों में भी पहुंचने लगे हैं, जिससे चिंता बढ़ गई है।
वन विभाग ने हाथियों को रोकने के लिए एक टीम का गठन किया है। जैसे ही हाथी आबादी वाले इलाकों में आते हैं, टीम उन्हें वापस जंगल में खदेड़ने का प्रयास करती है। लेकिन लगातार होने वाली इन घटनाओं से साफ है कि विभाग अभी तक इस समस्या से निपटने में पूरी तरह सफल नहीं हो पाया है।
क्या हैं इस समस्या के कारण?
* जंगलों का सिकुड़ना: जंगलों के लगातार कम होते जाने से हाथियों के रहने और भोजन की जगह कम हो रही है।
* आबादी का बढ़ना: मानव आबादी का लगातार बढ़ना और जंगलों में अतिक्रमण भी एक बड़ा कारण है।
* खाद्य की तलाश: भोजन की तलाश में हाथी आबादी वाले इलाकों में आ जाते हैं।
इस समस्या का समाधान क्या है?
* जंगलों का संरक्षण: जंगलों का संरक्षण और विकास करना बेहद जरूरी है।
* हाथियों के लिए सुरक्षित गलियारे: हाथियों के लिए सुरक्षित गलियारे बनाए जाएं ताकि वे आबादी वाले इलाकों में न आएं।
* स्थानीय लोगों को जागरूक करना: स्थानीय लोगों को हाथियों के व्यवहार और सुरक्षा के बारे में जागरूक किया जाना चाहिए।