नैनीताल। मोबाइल फोन के बढ़ते इस्तेमाल से बच्चों की आंखों पर बुरा असर पड़ रहा है। कम उम्र में ही चश्मा लगना, आंखों में जलन, सूखापन और थकान जैसी समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं। यह चेतावनी प्रसिद्ध नेत्र चिकित्सक पद्मश्री प्रो. जेएस तितियाल ने एरीज (आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान एवं शोध संस्थान) के चार दिवसीय स्थापना दिवस समारोह के दौरान दी। उन्होंने कहा कि मोबाइल ने जहां जीवन को सुविधाजनक बनाया है, वहीं यह बच्चों की आंखों को नुकसान भी पहुंचा रहा है। उन्होंने अभिभावकों से बच्चों को मोबाइल से दूर रखने और विद्यार्थियों को इसका उपयोग केवल ज्ञान अर्जन तक सीमित रखने की अपील की।
नेत्र रोग और खगोल विज्ञान पर विशेषज्ञों का व्याख्यान
कार्यक्रम में प्रो. तितियाल ने स्लाइड शो के माध्यम से काला मोतिया, अंधता और अन्य नेत्र रोगों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने इनके लक्षण और इलाज पर भी चर्चा की। इस अवसर पर खगोल विज्ञानी डॉ. जेसी पांडे ने तारों के प्रकार, उनके आकार, प्रकाश, आयु और तापमान जैसे रहस्यों पर विस्तृत व्याख्यान दिया।
एरीज के शोध कार्यों पर प्रकाश
कुमाऊं विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. डीएस रावत ने कहा कि आधुनिक तकनीक ने जहां जीवन को सरल बनाया है, वहीं इससे कई चुनौतियां भी सामने आई हैं। एरीज के निदेशक डॉ. मनीष नाजा ने संस्थान द्वारा किए जा रहे शोध कार्यों और वैश्विक स्तर पर प्राप्त सुविधाओं पर जानकारी दी।
इस अवसर पर एरीज के रजिस्ट्रार राजनीश, डॉ. बृजेश कुमार, डॉ. उमेश दुमका, डॉ. वीरेंद्र यादव, डॉ. एमएस दुग्ताल, हंसा कार्की, अर्जुन सिंह और बबलू मंडल सहित कई विशेषज्ञ उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन आयोजक मोहित जोशी ने किया।
