हर इक उर में उठता देखो गौरव का स्पंदन है,
चाँद की धरती पर जा पहुंचा जिसके यश का स्यंदन है,
उस वीर भोग्या वसुंधरा का कण-कण पावन चंदन है,
भारत का विज्ञान धन्य है कोटि-कोटि अभिनंदन है।
देवेश द्विवेदी ‘देवेश’
हर इक उर में उठता देखो गौरव का स्पंदन है,
चाँद की धरती पर जा पहुंचा जिसके यश का स्यंदन है,
उस वीर भोग्या वसुंधरा का कण-कण पावन चंदन है,
भारत का विज्ञान धन्य है कोटि-कोटि अभिनंदन है।
देवेश द्विवेदी ‘देवेश’