नई दिल्ली
पांच साल बाद फिर शुरू हो रही कैलास मानसरोवर यात्रा, ड्रा आज; लिपूलेख हाईवे भी बहाल
नई दिल्ली/धारचूला। पांच वर्षों के लंबे अंतराल के बाद एक बार फिर कैलास मानसरोवर यात्रा शुरू होने जा रही है। विदेश मंत्रालय बुधवार को यात्रा के लिए कंप्यूटराइज्ड ड्रा निकालेगा। यह ड्रा विदेश राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह की उपस्थिति में नई दिल्ली के जवाहरलाल भवन में आयोजित होगा। विदेश मंत्रालय के अनुसार इस वर्ष जून-जुलाई के बीच यात्रा का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें कुल 15 दलों में 750 तीर्थयात्रियों को भेजा जाएगा। हर दल में 50 श्रद्धालु शामिल होंगे।
इनमें से 5 जत्थे उत्तराखंड के लिपूलेख मार्ग से तथा 10 सिक्किम के नाथूला मार्ग से यात्रा करेंगे। कोविड महामारी और भारत-चीन संबंधों में तनाव के चलते 2019 के बाद यह यात्रा बंद थी। बड़ी संख्या में लोगों ने ऑनलाइन आवेदन किए थे, जिनमें से चयन ड्रा के जरिए होगा।
उत्तराखंड से यात्रा का मार्ग
उत्तराखंड के रास्ते जाने वाले तीर्थयात्रियों की यात्रा दिल्ली से शुरू होकर टनकपुर, धारचूला, तवाघाट, गुंजी, नाभीढांग होते हुए तकलाकोट और दारचेन तक जाएगी। इस मार्ग से यात्रा का संचालन कुमाऊं मंडल विकास निगम (केएमवीएन) करेगा। निगम के एमडी विनीत तोमर ने बताया कि ड्रा के बाद चयनित यात्रियों की सूची तैयार कर उन्हें आवश्यक निर्देश भेजे जाएंगे। यात्रा शुल्क इस बार बढ़ाकर 56 हजार रुपये किया गया है, जो 2019 में 35 हजार था।
लिपूलेख हाईवे 24 घंटे बाद खुला
इस बीच धारचूला-लिपूलेख राष्ट्रीय राजमार्ग भी एक दिन बाद हल्के वाहनों के लिए खोल दिया गया है। सोमवार रात की भारी बारिश के चलते तवाघाट से करीब चार किलोमीटर पहले कूलागाड़ के पास पहाड़ी से भारी मलबा और बोल्डर सड़क पर आ गिरे थे। इससे हाईवे पूरी तरह बंद हो गया और आदि कैलास, ओम पर्वत और पंचाचूली के दर्शन को आए पर्यटक तथा स्थानीय लोग फंस गए।
एसडीएम मंजीत सिंह ने मौके पर पहुंचकर मलबा हटाने के लिए कार्यदायी संस्था को निर्देश दिए। मंगलवार शाम तक सड़क आंशिक रूप से खोल दी गई, जिससे हल्के वाहनों की आवाजाही शुरू हो गई है। यात्रा मार्ग की यह बहाली श्रद्धालुओं के लिए राहत लेकर आई है।
