अल्मोड़ा/बागेश्वर/चंपावत/पिथौरागढ़
चमत्कार! चोरी का पता लगाने नागराजा की देवडोली पहुंची कोतवाली, चोरों की हुई शिनाख्त
पिथौरागढ़ में अनोखी घटना! चिणाखोली गांव के सेमनागराजा मंदिर से चोरी के बाद, देवडोली ग्रामीणों के साथ नगर कोतवाली पहुंची और दो संदिग्धों की चोर के रूप में पहचान की। पुलिस जांच में जुटी।
पिथौरागढ़। जनपद मुख्यालय की नगर कोतवाली में सोमवार को एक अनोखी घटना देखने को मिली। चिणाखोली गांव के सेमनागराजा मंदिर से हुई चोरी के बाद, देवता का डोला (देवडोली) स्वयं ग्रामीणों के साथ चोरों को ढूंढने के लिए कोतवाली पहुँच गया। देवडोली ने पुलिस हिरासत में लिए गए दो लोगों को चोरों के रूप में चिन्हित भी किया। इस घटना को लेकर पूरे क्षेत्र में चर्चा का माहौल गर्म है।
मंदिर से दानपात्र और मूर्ति चोरी
चिणाखोली के ग्रामीणों के अनुसार, बीते रविवार को दो संदिग्ध लोग गांव आए थे और उन्होंने सेमनागराजा मंदिर के पुजारी विकेश सेमवाल से गांव के बारे में जानकारी पूछी थी। उसी दिन गांव में एक शादी समारोह था। दूल्हा-दुल्हन की पूजा के बाद जब पुजारी दोबारा मंदिर पहुँचे, तो उन्होंने देखा कि मंदिर का दरवाजा टूटा हुआ था और दानपात्र सहित देवता की मूर्ति गायब थी। ग्रामीणों ने तत्काल इसकी सूचना नगर कोतवाली को दी। पुलिस ने शक के आधार पर गांव में आए उन दो लोगों को हिरासत में ले लिया था।
देवडोली ने बताए चोरी के साथी
चोरी का सामान बरामद न होने पर ग्रामीणों ने सेमनागराजा की देवडोली से प्रार्थना की। देवडोली ने ग्रामीणों से कहा कि वे उसे कोतवाली ले जाएं, जहाँ वह चोरों की शिनाख्त कर देगी। सोमवार को पूरा गांव देवडोली के साथ कोतवाली पहुँच गया। वहाँ देवडोली ने हिरासत में लिए गए दोनों लोगों को चोरी का आरोपी बताया और कहा कि वे पांच लोग थे, जिनमें से दो ही गांव में आए थे। इससे पहले, देवडोली के बताए स्थान के अनुसार, गांव से करीब तीन किमी की दूरी पर चोरी हुआ दानपात्र और देवता की मूर्ति बरामद हो चुकी थी।
पुलिस जांच जारी, नहीं मिली लिखित तहरीर
कोतवाल भावना कैंथोला ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ग्रामीणों की शिकायत पर दो लोगों को हिरासत में लिया गया है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि देवडोली की ओर से बताए गए स्थान से चोरी का सामान मिल गया है, लेकिन पुलिस को अभी तक कोई लिखित तहरीर नहीं दी गई है। पुलिस दोनों संदिग्धों से पूछताछ कर रही है और मामले के सभी पहलुओं की जांच जारी है। यह घटना आस्था और कानूनी प्रक्रिया के बीच एक दिलचस्प स्थिति पैदा करती है।
