कन्नूर: केरल के कन्नूर में एक मदरसा शिक्षक को एक छात्र के साथ क्रूरता बरतने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। आरोपी शिक्षक उमैर अशरफी पर छात्र को गर्म लोहे से दागने और उसके प्राइवेट पार्ट्स पर मिर्च पाउडर लगाने का आरोप है। पुलिस ने बताया कि छात्र ने हाल ही में शिकायत दर्ज कराई थी कि अशरफी ने कथित तौर पर उसे अनादर के लिए नुकसान पहुंचाया।
शिकायत मिलने के बाद अशरफी कथित तौर पर केरल से भाग गया और उसने कर्नाटक-तमिलनाडु की अलग-अलग जगहों पर शरण ली। पुलिस ने गुरुवार को तमिलनाडु के कोयंबटूर से अपने गृह जिले में लौटने पर अशरफी को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने पुष्टि की कि कन्नवम पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की संबंधित धाराओं के तहत उस पर मामला दर्ज किया गया। गिरफ्तारी के बाद अशरफी को शुक्रवार को एक स्थानीय अदालत में पेश किया गया और न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
बचपन के मासूमों के साथ हो रहा है ऐसा बर्ताव
यह पहली बार नहीं है जब इस तरह की घटना सामने आई हो। पिछले दिनों उत्तर प्रदेश गाजियाबाद से भी इसी तरह की हैरान कर देने वाली खबर सामने आई थी। यहां एक मदरसा शिक्षक पर 13 वर्षीय छात्र के साथ अप्राकृतिक यौन संबंध बनाने का आरोप लगा था। इतना ही नहीं शिक्षक ने छात्र को धमकी भी दी थी कि अगर वो इस बारे में किसी को बताएगा तो उसकी पिटाई करेगा। पीड़ित छात्र पढ़ाई के लिए मदरसे में ही रहता था। छात्र पिता ने इस संबंध में शिकायत दर्ज करवाई थी।
सवाल उठ रहे हैं शिक्षण संस्थानों की सुरक्षा पर
ऐसी घटनाएं शिक्षण संस्थानों में बच्चों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल उठाती हैं। बच्चों को सुरक्षित माहौल प्रदान करना हर शिक्षण संस्थान की जिम्मेदारी होती है। लेकिन ऐसे मामलों में यह साफ होता है कि कई जगहों पर बच्चों के साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा है।
समाज में फैल रहा है खौफ
ऐसी घटनाओं से समाज में खौफ का माहौल पैदा हो रहा है। माता-पिता अपने बच्चों को लेकर चिंतित रहते हैं। उन्हें इस बात का डर रहता है कि कहीं उनके बच्चों के साथ भी कोई अनहोनी न हो जाए।
कड़े कानून बनाने की जरूरत
ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कानून बनाने की जरूरत है। साथ ही शिक्षकों की भर्ती के समय उनकी पूरी जांच होनी चाहिए। ताकि बच्चों के साथ दुर्व्यवहार करने वाले लोगों को शिक्षण संस्थानों में प्रवेश न मिल पाए।
समाज को जागरूक करने की जरूरत
समाज को भी इस मुद्दे पर जागरूक होने की जरूरत है। अगर किसी बच्चे के साथ कोई गलत काम होता है तो हमें उसे आगे आकर बोलने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। साथ ही हमें पुलिस और प्रशासन को इस तरह के मामलों में तुरंत कार्रवाई करने के लिए कहना चाहिए।