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महाशिवरात्रि: शिव और शक्ति के मिलन का महापर्व आज, पूजा का देखे शुभ मुहूर्त
महाशिवरात्रि हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है, जो भगवान शिव और देवी पार्वती के दिव्य विवाह के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। यह पर्व फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को आता है। इस दिन, भक्त भगवान शिव की विशेष पूजा-अर्चना करते हैं और व्रत रखते हैं।
महाशिवरात्रि का महत्व
महाशिवरात्रि न केवल शिव और पार्वती के मिलन का प्रतीक है, बल्कि यह अंधकार पर प्रकाश की विजय का भी प्रतीक है। ‘महाशिवरात्रि’ का शाब्दिक अर्थ है ‘शिव की महान रात’। इस रात को, आध्यात्मिक साधक अपनी आंतरिक चेतना को जागृत करने और भगवान शिव के साथ एकाकार होने का प्रयास करते हैं।
महाशिवरात्रि पूजा विधि
महाशिवरात्रि के दिन, भक्त सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करते हैं और स्वच्छ वस्त्र धारण करते हैं। फिर, वे शिव मंदिर जाते हैं और शिवलिंग का अभिषेक करते हैं। अभिषेक के लिए दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल का उपयोग किया जाता है। भगवान शिव को बेलपत्र, धतूरा, भांग और फल-फूल अर्पित किए जाते हैं। भक्त शिव चालीसा का पाठ करते हैं और भजन गाते हैं। रात्रि जागरण भी इस पर्व का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
महाशिवरात्रि के शुभ मुहूर्त
महाशिवरात्रि पर चार पहर की पूजा का विशेष महत्व है। इस वर्ष, प्रत्येक पहर के लिए विशिष्ट मुहूर्त निर्धारित किए गए हैं, जिससे भक्त अपनी सुविधानुसार भगवान शिव की आराधना कर सकते हैं। निशिता काल में की गई पूजा को अत्यंत फलदायी माना जाता है। इसके अतिरिक्त, दिनभर में चार विशेष मुहूर्त हैं जब जलाभिषेक करना शुभ माना जाता है।
महाशिवरात्रि पर शुभ योग
इस वर्ष महाशिवरात्रि पर कई शुभ योग बन रहे हैं, जैसे कि शुक्र और शनि का पंचमहापुरुष योग, जो धन और समृद्धि के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। ग्रहों की यह विशेष स्थिति भक्तों के लिए अत्यंत फलदायी है।
महाशिवरात्रि कथा
पौराणिक कथाओं के अनुसार, एक शिकारी अनजाने में महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा कर बैठता है, जिससे उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। यह कथा इस पर्व के महत्व को दर्शाती है और भक्तों को यह विश्वास दिलाती है कि सच्ची श्रद्धा और भक्ति से भगवान शिव को प्रसन्न किया जा सकता है।
महाशिवरात्रि के मंत्र
महाशिवरात्रि के दिन महामृत्युंजय मंत्र, ध्यान मंत्र और रुद्र गायत्री मंत्र का जाप करना अत्यंत फलदायी माना जाता है। इन मंत्रों के जाप से भक्तों को मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त होती है।
महाशिवरात्रि का आध्यात्मिक महत्व
महाशिवरात्रि का पर्व न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसका आध्यात्मिक महत्व भी है। यह पर्व हमें यह सिखाता है कि हमें अपने भीतर की नकारात्मकता को दूर करके सकारात्मकता को अपनाना चाहिए। यह हमें ध्यान और योग के माध्यम से अपनी आंतरिक शांति को खोजने के लिए प्रेरित करता है।
