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उत्तराखण्ड

उत्तराखंड के मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस में बॉन्ड व्यवस्था खत्म होगी, पीजी में तीन साल का होगा बॉन्ड

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मेडिकल कॉलेजों के एमबीबीएस एमडी के छात्र पांच परिवारों को गोद लेकर उनके स्वास्थ्य का रखेंगे ख्याल

देहरादून। उत्तराखंड के मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस में बॉन्ड व्यवस्था खत्म होगी। जबकि पीजी में तीन साल का बॉन्ड होगा। उल्लंघन करने पर दो करोड़ रुपये जमा करने होंगे। नई व्यवस्था के तहत दो साल मेडिकल कॉलेज और एक साल जिला अस्पतालों में पीजी डॉक्टर सेवा देंगे। सभी मेडिकल कॉलेजों के एमबीबीएस एमडी के छात्र पांच परिवारों को गोद लेकर उनके स्वास्थ्य का ख्याल रखेंगे। यह सिस्टम उनकी पहल पर देशभर में लागू होने जा रहा है।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के हवाले से कहा गया है कि प्रदेश में सर्जन की 50 प्रतिशत कमी है। सर्जन का अलग कैडर और नियमावली बना रहे हैं। आईसीयू, क्रिटिकल केयर में टेक्निकल स्टाफ की कमी है, स्पोर्टिंग स्टाफ के लिए प्रयास कर रहे हैं। 2900 नर्सों की भर्ती कर रहे हैं। वार्ड ब्वॉय की दिक्कत को लेकर प्राचार्यों से कहा है कि कहां कितने स्टाफ की जरूरत है, इसकी जानकारी दें।
उन्होंने कहा कि पहाड़ की भौगोलिक स्थिति ठीक नहीं है। 180 मरीज एयर लिफ्ट कराने पर बचे, अब तक चारधाम यात्रा में 60 हजार लोगों का इलाज कर चुके हैं। एमबीबीएस के ई ग्रंथालय देने वाले हैं। इससे 25 लाख किताबें अपने मोबाइल में रख सकेंगे। मंत्री ने कहा कि प्रदेश में नौ क्रिटिकल केयर यूनिट लगा रहे हैं। एक यूनिट पर 20 करोड़ का खर्चा होगा। 2025 तक हर मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पतालों में यूनिटें बन जाएंगी।

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संपादक: गुलाब सिंह
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