हल्द्वानी: मुरादाबाद निवासी एक 16 वर्षीय किशोरी ने मुखानी क्षेत्र के एक निजी अस्पताल में एक स्वस्थ बच्ची को जन्म दिया है। मामला तब सामने आया जब अस्पताल प्रशासन ने बच्चे के जन्म प्रमाण पत्र के लिए आवश्यक दस्तावेज मांगे। जांच में पता चला कि किशोरी नाबालिग है। इस मामले में पुलिस ने पॉक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है।
घटनाक्रम:
* मुरादाबाद निवासी एक महिला अपनी तीन बेटियों और एक बेटे के साथ मुखानी में किराए के मकान में रहती है।
* महिला घरों में काम करके अपनी बेटियों को एक पब्लिक स्कूल में पढ़ाती है।
* 8 दिसंबर को उसकी 16 वर्षीय बेटी, जो कक्षा नौ की छात्रा है, ने सुशीला तिवारी अस्पताल में बच्ची को जन्म दिया।
* अस्पताल ने बच्चे के दस्तावेज मांगे तो पता चला कि किशोरी नाबालिग है।
* अस्पताल प्रशासन ने मुखानी थाने को सूचना दी।
* पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की।
* किशोरी और उसकी मां दोनों ही घटना के बारे में कुछ बताने को तैयार नहीं हैं।
* किशोरी का पिता घर से गायब है।
पुलिस की कार्रवाई:
* पुलिस ने परिजनों की शिकायत न मिलने पर पॉक्सो एक्ट के तहत स्वयं मुकदमा दर्ज किया है।
* जांच महिला एसआई दीपा जोशी को सौंपी गई है।
* नवजात बच्ची को अस्पताल के एनआईसीयू में रखा गया है।
* पुलिस हर एंगल से मामले की जांच कर रही है।
पृष्ठभूमि:
महिला अपने पति से अलग रहती है और अपने बच्चों की परवरिश के लिए संघर्ष कर रही है। वह अपनी बेटियों को अच्छी शिक्षा देना चाहती थी और इसीलिए घरों में काम करके उनकी फीस चुकाती थी।
समाजिक मुद्दा:
यह घटना एक बार फिर नाबालिग गर्भधारण और बाल यौन शोषण के गंभीर मुद्दे को उजागर करती है। यह भी दिखाती है कि कैसे गरीबी और सामाजिक असमानता लड़कियों के जीवन को प्रभावित कर सकती है।
आगे की कार्रवाई:
पुलिस इस मामले की गहनता से जांच कर रही है और जल्द ही दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की उम्मीद है। साथ ही, प्रशासन भी इस मामले में आवश्यक कदम उठा रहा है ताकि इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।