नई दिल्ली

दुनिया भर में महिलाओं की तुलना में पुरुषों में कैंसर और हार्ट अटैक का अधिक खतरा, शोध में खुलासा

कोरोनाकाल के बाद पुरुषों में शीर्ष 20 में से 13 बीमारियों का खतरा, क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
नई दिल्ली।
पिछले चार साल से अधिक समय से दुनियाभर में कोविड-19, हृदय रोग और कैंसर के कारण मौत के मामलों में काफी उछाल देखा गया है। इससे संबंधित द लैंसेंट जर्नल में प्रकाशित अध्ययन में शोधकर्ताओं ने चेताया है कि वैश्विक स्तर पर महिलाओं की तुलना में पुरुषों में इन बीमारियों का बोझ अधिक होता है। इतना ही नहीं इन बीमारियों से पुरुषों की मृत्युदर भी अधिक देखी जा रही है। साल 2021 के आंकड़े पेश करते हुए शोधकर्ताओं ने बताया कि शीर्ष स्तर पर घातक मानी जाने वाली 20 में से 13 से अधिक बीमारियों के पुरुष अधिक शिकार हो रहे हैं। 
कोरोनावायरस महामारी के दौर में किए गए इस अध्ययन में वैज्ञानिकों ने पाया कि पुरुष न केवल बीमारियों के शिकार ज्यादा होते हैं साथ ही समय के साथ उनकी जीवन प्रत्याशा भी कम होती जा रही है। साल 2021 में कोविड-19 को स्वास्थ्य के लिए सबसे चुनौतीपूर्ण स्थिति बताया गया। महिलाओं की तुलना में पुरुषों को कोविड-19 से 45 प्रतिशत अधिक स्वास्थ्य हानि का अनुभव हुआ। पर पुरुषों में स्वास्थ्य जोखिमों के बढ़ने का क्या कारण है और ये बीमारियां महिलाओं की सेहत को किस प्रकार से प्रभावित करती हैं, आइए समझते हैं।
लैंसेट विशेषज्ञों ने बताया, नए विश्लेषण का अनुमान है कि साल 2021 में शीर्ष 20 में से 13 बीमारियों के कारण पुरुष अधिक प्रभावित रहे हैं। इन बीमारियों में कोरोनावायरस के संक्रमण और इसके कारण होने वाली स्वास्थ्य जटिलताएं, हृदय, श्वसन और यकृत से सबंधित बीमारियां प्रमुख रूप से शामिल हैं।

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इसके विपरीत विश्व स्तर पर, महिलाओं ने मस्कुलोस्केलेटल समस्याओं (जैसे हड्डियों-मांसपेशियों से संबंधित रोग), मानसिक स्वास्थ्य समस्या और सिरदर्द जैसी गैर-खतरनाक जीवन विकारों (जिनसे जीवन को खतरा कम होता है) का अनुभव किया।
इस मॉडलिंग अनुसंधान के लिए ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज स्टडी 2021 के डेटा का उपयोग किया गया। इसमें साल 1990 से 2021 के बीच 20 प्रमुख बीमारियों के शिकार और इसके कारण होने वाली मौत के डेटा का अध्ययन किया गया। इसमें उम्र के आधार पर निर्धारित आयु और विकलांगता-समायोजित जीवन वर्ष (डीएएलवाई) के डेटा पर भी ध्यान दिया गया। 
डेटा अध्ययन के निष्कर्ष में वाशिंगटन यूनिवर्सिटी में वरिष्ठ लेखक डॉ. लुइसा सोरियो फ्लोर कहते हैं, महिलाओं में बीमारी और विकलांगता का स्तर अधिक देखा गया क्योंकि वे पुरुषों से अधिक जीवित रहती हैं।
महिला-पुरुषों में होने वाली बीमारियां
हृदय रोग दुनियाभर में मृत्यु के प्रमुख कारणों में से एक रहे हैं, हालांकि अध्ययन में लैंगिक आधार पर इनमें भी बड़ा अंतर देखा गया है। इस्केमिक हृदय रोगों में भी पुरुषों और महिलाओं के बीच स्वास्थ्य हानि में बड़ा अंतर रिपोर्ट किया गया है। महिलाओं की तुलना में हृदय रोग से पुरुषों को अधिक स्वास्थ्य हानि हुई।महिलाओं में अल्जाइमर -डिमेंशिया, एग्जाइटी-डिप्रेशन, आर्थराइटिस और हड्डियों-मांसपेशियों से संबंधित दर्द की समस्या अधिक देखी जा रही है।
पुरुषों में बढ़ती बीमारियों और मृत्यदर के क्या कारण हैं?
अध्ययन के निष्कर्ष में शोधकर्ताओं ने बताया पुरुषों के बीमारियों के शिकार होने और मृ्त्युदर बढ़ने के लिए लाइफस्टाइल से संबंधित स्थितियों को प्रमुख माना गया है। धूम्रपान, तनाव, सेंडेंटरी लाइफस्टाइल, अल्कोहल का सेवन इन बीमारियों के प्रति उन्हें अधिक संवेदनशील बनाती हैं। वहीं मेनोपॉज के बाद महिलाओं में हृदय रोग और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का जोखिम काफी बढ़ जाता है। शरीर में होने वाले हार्मोनल परिवर्तनों को एक उम्र के बाद महिलाओं में होने वाली गंभीर बीमारियों के लिए प्रमुख जोखिम कारक पाया गया है। 

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