जम्मू-कश्मीर में कटरा से रियासी को जोड़ने वाला भारतीय रेलवे पर पहला केबल-स्टेडेड पुल
नई दिल्ली। हिमालय की अत्यधिक प्रतिकूल भौगोलिक परिस्थितियों के बीच देश का पहला अंजी रेल केबल ब्रिज बनकर तैयार हो गया है।
रेलवे की महत्वकांक्षी उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेलवे लिंक परियोजना पर जम्मू-कश्मीर में कटरा से रियासी को जोड़ने वाला भारतीय रेलवे पर पहला केबल-स्टेडेड पुल है। अधिक गर्मी-सर्दी में ब्रिज की केबल अपना आकार नहीं बदलेगा। जिससे ट्रेनों का सुरक्षित परिचालन किया जा सकेगा। ब्रिज के केबल विशेष रूप से 15.7 मिमी व्यास के साथ डिजाइन किए गए हैं। केबल की लंबाई 80 मीटर से 295 मीटर के बीच है। स्टे केबल 31, 37 या 43 तारों से बने होते हैं।
अंजी केबल स्टे ब्रिज को लैटरल और सेंट्रल स्पैन पर कुल 96 केबल के साथ डिजाइन किया गया है। केबल का कुल वजन 848.7 मीट्रिक टन है और इसमें शामिल केबल की कुल लंबाई 653 किलोमीटर है। 26 अप्रैल को ब्रिज का अंतिम 96वां केबल लगाने का काम पूरा हो गया है। जो कि 11 महीने (जून 2022 से अप्रैल 2023) में हुआ है।
रेलवे बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अंजी रेल केबल ब्रिज चिनाब नदी की सहायक नदी अंजी नदी पर बनाया गया है। यह ब्रिज कटरा की तरफ सुरंग टी-2 और रियासी की तरफ सुरंग टी-3 को जोड़ता है। इसकी कुल लंबाई 725 मीटर है, जिसमें 473 मीटर लंबा केबल स्टे ब्रिज शामिल है, जो नींव के शीर्ष से 193 मीटर की ऊंचाई पर एक केंद्रीय पाइलन की धुरी पर संतुलित है। ब्रिज पर सिंगल लाइन रेलवे ट्रैक और 3.75 मीटर चौड़ी सर्विस रोड है। उच्च तकनीक के केबल न तो सिकुड़ेंगे और न ही फैलेंगे। इससे ब्रिज अपनी जगह पर स्थिर रहेगा।