आजकल लोग कहते हैं कि अगर तुम्हारे घर में कोई साँप घुस आया है और जिसका उद्देश्य सिर्फ तुम्हारे घर को खत्म करना है तो उसे तुम भगाओ मत उसे तुम दूध पिलाओ , क्योकि उसे भी जीने का अधिकार है।
ये कहाँ तक उचित है?
क्या लोग ये भूल गये हैं कि साँप की फितरत सिर्फ डसना है।आप उसे कितना भी दूध पिला लो , पर वो कभी भी आपका वफादार नहीं बन सकता , क्योकि वो अपनी फितरत नहीं बदलता,फिर समय आने पर सबको डस लेता है।
पुराने जमाने में लोग अपने घर को सुरक्षित रखने के लिये ,घर में घुसे साँप को ऐसे मारते थे कि वो जिन्दगी में कभी भी दोबारा उस घर की तरफ आँख उठाकर भी न देख सके और इस काम में समाज के सभी लोग एक दूसरे का साथ देते थे ।
क्या वो लोग पागल थे ?
नहीं ,वो सभी अपने अपने घरों को सुरक्षित रखने के लिये ऐसा करते थे क्योकि उन्हें ये बात मालूम थी कि आज साँप किसी और के घर में घुसा है , कल वो घर उनका भी हो सकता था ।
तो क्यों न हम सभी एक साथ उठकर घर में घुसे हुए साँप के फन को ऐसा कुचलें की उस जैसे सभी साँप को बहुत बड़ा सबक मिले और ऐसे साँप किसी के भी घर में घुसने की हिम्मत न कर सकें।
डॉ. कल्पना कुशवाहा ‘ सुभाषिनी ‘