देहरादून: उत्तराखंड के उपनल कर्मचारी अपनी लंबित मांगों को लेकर सड़कों पर उतर आए हैं। प्रदेश भर से बड़ी संख्या में उपनल कर्मचारी राजधानी देहरादून पहुंचे और सचिवालय कूच का प्रयास किया। हालांकि, पुलिस ने उन्हें सुभाष रोड पर बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया।
समान काम के लिए समान वेतन की मांग:
उपनल कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के प्रदेश संयोजक विनोद गोदियाल के अनुसार, हाईकोर्ट ने 2018 में उपनल कर्मचारियों को समान काम के लिए समान वेतन देने और नियमितीकरण के लिए नियमावली बनाने का फैसला सुनाया था। लेकिन राज्य सरकार ने इस फैसले पर अमल करने के बजाय सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर कर दी।
सुप्रीम कोर्ट का फैसला और सरकार का रुख:
सुप्रीम कोर्ट ने सरकार की अपील खारिज कर दी, लेकिन राज्य सरकार फिर से सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दाखिल करने की तैयारी में है। सरकार के इस रुख से उपनल कर्मचारी बेहद नाराज हैं।
कर्मचारियों में रोष:
सरकार के इस रवैये से प्रदेश भर के उपनल कर्मचारियों में रोष है। वे मानते हैं कि सरकार उनके साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। कर्मचारियों का कहना है कि वे हाईकोर्ट के फैसले का पालन करवाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।
राजनीतिक समर्थन:
उपनल कर्मचारियों के इस आंदोलन को भगवानपुर की विधायक ममता राकेश ने भी अपना समर्थन दिया है। उन्होंने कहा कि उपनल कर्मचारियों की मांग जायज है और सरकार को उनकी मांगों पर गौर करना चाहिए।
आगे की रणनीति:
उपनल कर्मचारी संयुक्त मोर्चा ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार उनकी मांगों को नहीं मानती है तो वे आंदोलन को और तेज करेंगे। उन्होंने कहा कि वे अपनी मांगों को लेकर हर संभव प्रयास करेंगे और तब तक डटे रहेंगे जब तक कि सरकार उनकी मांगों को नहीं मान लेती।