एसएसबी की शिफारिशों के मुताबिक हो गुरिल्लों की समस्याओं का समाधान, पीएम और सीएम को भेजा ज्ञापन
पौड़ी। गुरिल्लों के धरने को अल्मोड़ा जिला मुख्यालय में 5000 दिन पूरे होने पर निकाली गयी रथयात्रा आज ज्वल्पादेवी पाटीसैण से प्रारम्भ हुई। पौड़ी में बद्रीनाथ धर्मशाला में गुरिल्लों को संबोधित करते हुए संगठन के केन्द्रीय अध्यक्ष ब्रह्मा नंद डालाकोटी ने कहा कि, सरकार म्यांमार सीमा से रोहिंग्या के घुसने, बंग्लादेश सीमा से बंग्लादेशियों के घुसने, जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों के आतंक की बात तो करती है मीडिया और शोसल मीडिया में इस पर बड़ी बहस करती है और अब तो भारत नेपाल सीमा से भी घुसपैठ की बात की जा रही है लेकिन सरकार इसे रोकने के उपाय क्यों नहीं करती। हमारा मानना है कि स्थानीय जनता से जुड़ी गुरिल्लायुक सीमा सुरक्षा प्रणाली ही इसका एकमात्र समाधान है। स्थानीय स्थिति परिस्थितियों से भिज्ञ गुरिल्ला ही सीमाओं में अपना दैनिक कार्य करते हुए चप्पे चप्पे पर नजर रख सकते हैं। सीमाओं से घुसपैठ, तस्करी राजनैतिक मुद्दा नहीं होना चाहिये इसका समाधान होना चाहिए क्योंकि इन सब के दुश्परिणाम जनता को ही झेलने होते हैं। उन्होंने कहा कि जिन गुरिल्लों का सत्यापन नहीं हुआ है उन्हें तो सत्यापन के लिए प्रयास करना ही चाहिए जिनका हुआ है उन्हें भी यह जान लेना आवश्यक है सरकार ने अभी उनको कुछ देने की घोषणा नहीं की है और न ही किसी को इस भरोसे रहना चाहिए कि कोर्ट का कोई आदेश आयेगा तो उन्हें सरकार नौकरी के लिए बुला लेगी और उनके खातों में धनराशि भेज देगी गुरिल्लों को अपने अधिकारों के लिए संघर्षरत रहना ही होगा। सभा के बाद गुरिल्लों ने जुलूस के रूप में जिलाधिकारी कार्यालय गये तथा जिलाधिकारी आशीष चौहान को मुख्यमंत्री उत्तराखंड, गृहमंत्री, प्रधानमंत्री भारत सरकार को संबोधित ज्ञापन दिये ज्ञापनों में केन्द्र सरकार से एस एस बी की सिफारिशों के आधार पर गुरिल्लों की समस्याओं का समाधान करने , सत्यापन से बंचित गुरिल्लों का सत्यापन करने की मांग की गयी है, मुख्यमंत्री उत्तराखंड से जारी शासनादेशों, समय समय पर लिए गये निर्णयों पर कार्यवाही की मांग की है,सभा में 11जुलाई को श्रीनगर,12जुलाई को घनसाली,13जुलाई को न्यू टिहरी में गुरिल्ला रथयात्रा के कार्यक्रमों की जानकारी दी गयी।आज कार्यक्रम में केन्द्रीय अध्यक्ष के अलावा जिलाध्यक्ष मानसिंह, कुंदन सिंह, रवीन्द्र पटवाल, शंतलाल ए पी सुंदरियाल मधुरमा रावत,, सावित्री रावत, गुड्डी, शकुंतला, लक्ष्मी सहित काफी संख्या में गुरिल्ले मौजूद रहे।
अल्मोड़ा से शुरू हुई गुरिल्लों की रथयात्रा पहुँची पौड़ी
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