अल्मोड़ा। आल इंडिया एस एस बी वालिंटियर ऐसोसिएशन के केन्द्रीय अध्यक्ष ब्रह्मा नन्द डालाकोटी ने प्रधानमंत्री, गृहमंत्री,रक्षा मंत्री भारत सरकार को पत्र लिखकर अशांत सीमावर्ती राज्यों में शांति स्थापना हेतु एस एस बी गुरिल्लों के उपयोग की मांग की है। पत्र में कहा गया है कि 1962 में भारत चीन युद्ध के समय सीमाओं पर सेना को आई कठिनाइयों से सबक लेते हुए विश्व के अनेक देशों की सुरक्षा ब्यवश्था के अध्ययन के बाद 1963में बिशेष सुरक्षा बल का गठन किया गया था। इस बल ने स्थानीय लोगों के साथ मिलकर सीमावर्ती क्षेत्रों की आतंकवाद,अलगाववाद, घुसपैठ जैसी समस्याओं का समाधान करते हुए स्थानीय नागरिकों में राष्ट्रीयता की भावना जागृत करने महत्वपूर्ण योगदान दिया किन्तु सन् 2000मे इस बल को अर्ध सैनिक बल बना दिया गया स्थानीय लोगों से बनी इस सुरक्षा ब्यवश्था के खत्म होने के बाद सीमावर्ती इलाकों में फिर वही समस्याएं समस्याएं पैदा हो गयी हैं कश्मीर में धारा 370 हटाने के बाद जहां आतंकवादी गतिविधियों में कमी नहीं आई है वही मनिपुर पिछले एक वर्ष से आपसी संघर्ष में उलझा है।असम, पश्चिम बंगाल से बांग्लादेशियों की घुसपैठ हो रही है ।इसलिए रक्षा विशेषज्ञों के साथ,एस एस बी अधिकारियों तथा गुरिल्ला संगठन के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर गुरिल्ला युक्त सीमा सुरक्षा प्रणाली की आवश्यकता और महत्व को समझने की आवश्यकता है जिससे अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर इस अचूक सुरक्षा प्रणाली का उपयोग कर सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति स्थापित की जा सके।
पीएम और विभिन्न मंत्रियों को पत्र लिख, गुरिल्लों को अशांत सीमावर्ती राज्यों में उपयोग की लगाई गुहार
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