उत्तराखण्ड

ऋषिकेश बदरीनाथ और गंगोत्री मार्ग फिर हुए बंद, सैकड़ों यात्री फंसे 

गुरुवार देर रात हुई भारी बारिश से कई जगह भू धंसाव, हाइवे पर आया मलबा
देहरादून। गुरुवार देर रात देहरादून समेत आसपास भारी बारिश हुई। देहरादून और पौड़ी जनपद में शाम से लेकर मध्य रात्रि तक कुछ क्षेत्रों में अत्यधिक बारिश दर्ज की गई। देहरादून में रात नौ बजे से 12 बजे के बीच 128 मिमी, ऋषिकेश के नीलकंठ क्षेत्र में 134 मिमी, पौड़ी जिले के यमकेश्वर ब्लॉक में सर्वाधिक 149 मिमी वर्षा दर्ज की गई।
टिहरी के नरेंद्रनगर में 95 मिमी और जॉलीग्रांट क्षेत्र में 50 मिमी से अधिक वर्षा दर्ज की गई। देहरादून में मध्यरात्रि के बाद भी गरज-चमक के साथ झमाझम बारिश का क्रम जारी रहा। शहर के ज्यादातर इलाकों में चौक-चौराहे और मुख्य मार्ग जलमग्न हो गए। 
ऋषिकेश से बदरीनाथ तथा गंगोत्री राजमार्ग एक बार फिर भूस्खलन के कारण बंद हो गए हैं। दोनों मार्गों पर बड़ी संख्या में यात्री फंसे हुए हैं। गुरुवार को रात्रि करीब आठ बजे ऋषिकेश बदरीनाथ मार्ग पर व्यसी के निकट अटाली गंगा, शिवपुरी तथा नीर गड्डू के पास तीन स्थानों पर भारी मलबा आ गया, जिससे राजमार्ग पूरी तरह से बंद हो गया है। वहीं ऋषिकेश-गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर औणी बैंड के समीप भारी मलबा आ गया है। नरेंद्र नगर से आगे भी दो स्थानों पर मलबा आने से राजमार्ग अवरुद्ध हुआ है। जिसके बाद पुलिस ने ऋषिकेश से चंबा तथा श्रीनगर की ओर जाने वाले वाहनों को भद्रकाली तथा तपोवन में रोक दिया है। मगर, दूसरी ओर से आने वाले वाहन अलग-अलग स्थानों पर फंसे हुए हैं। कई वाहन ऐसे हैं जिनके दोनों और भूस्खलन के चलते मार्ग बंद है। यहां पहाड़ी की ओर से लगातार चट्टाने और पत्थर के गिरकर मार्ग पर आ रहे हैं, जिससे यहां मौजूद यात्रियों की दिक्कतें और बढ़ गई हैं। थाना प्रभारी निरीक्षक मुनिकीरेती रितेश शाह ने बताया कि दोनों मार्गों पर जाने वाले वाहनों को वापस ऋषिकेश लौटाया जा रहा है। 
उन्होंने बताया कि गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग संभवत या सुबह तक खुल जाएगा। जबकि बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग यातायात सुचारू होने में अभी कुछ समय लग सकता है। थाना प्रभारी ने बताया कि विभिन्न स्थानों पर 200 से अधिक वाहन फंसे हुए हैं, जिनमें लगभग 800 यात्री सवार हैं। वही व्यासी के समीप जाम में फंसे ऋषिकेश निवासी जनार्दन कैरवान ने बताया पहाड़ी की ओर से लगातार पत्थर व चट्टाने आ रही हैं, जिससे यहां मौजूद वाहन तथा यात्री सुरक्षित नहीं हैं। आसपास क्षेत्र में कहीं रहने के लिए भी होटल आदि नहीं मिल पा रहे हैं। 

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