देहरादून। रायपुर स्थित जन सेवा केंद्र में हुई लूट के मामले में पुलिस ने खुलासा किया है कि लूट की रकम ढाई लाख नहीं, बल्कि 70 हजार रुपये थी। इस मामले में पुलिस मुठभेड़ के बाद तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि दो अभी फरार हैं। रविवार देर रात हुई मुठभेड़ में एक आरोपी के हाथ और पैर में गोली लगी। एसएसपी अजय सिंह ने सोमवार को प्रेसवार्ता के दौरान इस मामले का खुलासा किया।
कैसे हुई लूट?
बीते मंगलवार को रायपुर क्षेत्र की भगत सिंह कॉलोनी स्थित पाल जन सेवा केंद्र में तीन हथियारबंद बदमाशों ने लूट की वारदात को अंजाम दिया। वारदात के समय केंद्र में अरुण पाल सिंह मौजूद थे। बदमाश असलहों के दम पर नगदी लूटकर फरार हो गए। प्रारंभिक जांच में 2.5 लाख रुपये लूटे जाने की बात सामने आई थी, लेकिन बाद में पता चला कि लूट की रकम 70 हजार रुपये थी।
बिजनौर गैंग का कनेक्शन
जांच में पता चला कि इस वारदात में बिजनौर के एक गैंग का हाथ था। पुलिस ने सुराग के आधार पर जन सेवा केंद्र संचालक के परिचित दिलशाद (निवासी चंदननगर, मूल निवासी मसीद चांदपुर, बिजनौर) को पकड़ा। पूछताछ में खुलासा हुआ कि उसके परिचितों ने ही लूट की योजना बनाई थी। दो आरोपी बिजनौर से लूट के पैसे का हिस्सा लेने देहरादून आने वाले थे। पुलिस ने उनकी तलाश शुरू कर दी।
मुठभेड़ में दो आरोपी गिरफ्तार
रविवार देर रात पुलिस को सूचना मिली कि ऋषिकेश से रानीपोखरी की ओर स्कूटर सवार दो आरोपी आ रहे हैं। पुलिस ने वीरपुर मोड़ पर चेकिंग के दौरान एक सफेद स्कूटर को रोकने की कोशिश की, लेकिन आरोपी भागने लगे। वे मनसा देवी मंदिर के पास जंगल के कच्चे रास्ते में घुस गए और स्कूटर छोड़कर भागने लगे। पुलिस ने घेराबंदी की, जिस दौरान जवाबी फायरिंग में साहिल (पुत्र युनूस, निवासी सासनगंज, चांदपुर, बिजनौर) के हाथ और पैर में गोली लगी। दूसरा आरोपी अंधेरे का फायदा उठाकर भागने की कोशिश कर रहा था, लेकिन पुलिस ने कांबिंग कर उसे भी पकड़ लिया। उसकी पहचान कामिल (पुत्र कय्यूम, निवासी मोहल्ला शासनगंज, चांदपुर, बिजनौर) के रूप में हुई।
बरामदगी और आगे की कार्रवाई
गिरफ्तार आरोपियों के पास से चोरी का स्कूटर, एक देसी तमंचा, चार जिंदा कारतूस और दो खोखे बरामद हुए। पुलिस अब फरार दो अन्य आरोपियों की तलाश कर रही है।
