हरिद्वार-
सनातन ज्ञान पीठ शिव मन्दिर में आज से प्रारंभ हुई श्री शिव महापुराण की कथा के प्रथम दिवसीय सत्र में महंत उमेश चंद्र शास्त्री द्वारा भगवान शिव के पूजन का महत्व बताते हुए कहा शिव महापुराण साक्षात भगवान शिव का स्वरूप है, इस लिए पुराण का आश्रय लेकर हमको सदैव भगवान शिव का अनुकरण करना चाहिए और शिव की पूजा ही प्रकृति पुरुष की पूजा है ।
सामाजिक कुरीतियों का उल्लेख करते हुए महाराज ने चंचुला और बिंदुग ब्राह्मण की कथा सुनाते हुए कहा की जो व्यक्ति अपने गृहस्थ धर्म का सही से पालन नहीं करते है । पारिवारिक सामंजस्य नहीं देखते अंततः उनको दुख ही उठाना पड़ता है सद गृहस्थ ही भगवान शिव का अनुयाई हो सकता है, इसलिए सांसारिक देख दिखावे को त्यागकर सभी सनातन धर्मियों को अपने पारिवारिक गृहस्थ का अनुपालन करते हुए भगवान शिव की भक्ति करनी चाहिए इसी में कल्याण निहित है। कथा में मंदिर सचिव ब्रिजेश् शर्मा ,यज् मान राजीव, मीनाक्षी, तेजप्रकाश,राकेश,दिलिप, आदित्य गहलोत , अनिल,विष्णु,संतोष,सरला,कुसुम,अलका शर्मा,मंजू,अंजू,पुष्पा,अंजू, रेनू,विभा गौतम्, संतोष,भावना राजकिशोरी मिश्रा आदि उपस्थित् रहे।